नगर निगम में जनसमस्याओं की सुनवाई पर बुरा हाल, 517 से ज्यादा पेंडिंग मामले

सफाई व कूड़ा संबंधी कंप्लेन सबसे ज्यादा, पानी और टैक्स पर भी परेशान जनता

>BAREILLY:

न बुनियादी सुविधा मयस्सर है, न ही शिकायतों पर सुनवाई। नगर निगम की चौखट पर फरियादी आकर मुसीबतों पर गुहार लगा रहे, लेकिन ठोस कार्यवाही के नाम पर सिवाय खोखले दावों के उन्हें कुछ न मिल रहा है। स्मार्ट सिटी का सब्जबाग दिखा रहे नगर निगम की इस पुरानी बीमारी ने जनता को बेहाल कर दिया है। अधिकारी लोगों की जनसमस्याएं सुनकर भी अनसुनी कर रहे हैं। शिकायत बताने की इकलौती उम्मीद हेल्प कंट्रोल रूम में समस्याएं दर्ज कराई, तो वहां से भी निराशा हाथ लग रही है। पिछले 4 महीने में करीब 517 शिकायतें ऐसी रही हैं जिनका हल नहीं निकाला गया।

शिकायत में भी हेराफेरी

नगर निगम में जनसमस्या दर्ज कराने के लिए 24 घंटे का एक कंट्रोल रूम है, लेकिन अमूमन शाम 6 बजे के बाद इस पर शिकायतें दर्ज करने के लिए स्टाफ मौजूद नहीं रहता है। 0581-2550074 नम्बर पर कंप्लेन दर्ज हो भी जाए तो उसके समाधान नहीं होता है। जनवरी से अप्रैल तक हेल्पलाइन पर 1160 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए। जिनमें से आधी पर ही सुनवाई हो सकी। कंट्रेाल रूम में शिकायत दर्ज होने के बाद संबंधित विभागों में समस्या पहुंचनी चाहिए, लेकिन ऐसा होने की बजाय संबंधित विभाग के हेड या अधिकारी का सीयूजी नम्बर पीडि़त को देकर जिम्मेदारी पूरी की जा रही है।

लड़खड़ाया स्मार्ट सिस्टम

शिकायतों की सुनवाई के लिए नगर निगम की ओर से डेढ़ साल पहले कंप्लेन रिड्रेसल सिस्टम शुरू कराया गया। जिसमें शिकायतकर्ता की कंप्लेन दर्ज होने के बाद संबंधित विभाग से समस्या का हल कराया जाता। इसके बाद शिकायतकर्ता के मोबाइल पर मेसेज भेजकर या ईमेल से समस्या दुरुस्त होने की जानकारी भेजी जाती थी। पिछले एक साल से यह स्मार्ट सिस्टम लड़खड़ा गया है। न तो विभागों की ओर से कंप्लेन पर सुनवाई ही हो रही न ही रिड्रेसल की जानकारी मेसेज या ईमेल से पीडि़त को भेजी जा रही है।

40 फीसदी समस्या गंदगी

पिछले 4 महीने में जो समस्याएं आई हैं। उनमें सबसे ज्यादा कूड़ा, गंदगी व सफाई कर्मचारियों को लेकर ही है। कुल कंप्लेन में करीब 40 फीसदी मामले वार्ड में गंदगी, नाला-नाली सफाई, चोक सीवर व सड़क पर कूड़े को लेकर रही। वहीं दूसरे नम्बर पर 28 फीसदी के हिसाब से पानी की कमी व गंदे पानी की सप्लाई को लेकर अप्रैल में सबसे ज्यादा कंप्लेन रही। वहीं मार्च में टैक्स के बिलों में गड़बडि़यों को लेकर लोगों ने सबसे ज्यादा शिकायतें दर्ज कराई थी।

पेंडिंग शिकायतों को लेकर विभागों के हेड से ब्यौरा मांगा गया है। सभी विभागों को शिकायतों का जल्द से जल्द डिस्पोजल करने के निर्देश दिए गए हैं। जनसमस्याओं के हल पर देरी न होने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।

- ईश शक्ति कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त