मेयर ने पांचों जोन की एजेंसियों को फटकारा, टेंडर रद करने के दिए निर्दश

खराब वर्किंग व खर्च का बोझ वजह, नगर आयुक्त का करार खत्म करने का अल्टीमेटम

BAREILLY:

शहर के 30 वार्डो में चल रहा नगर निगम का ड्रीम प्रोजेक्ट डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन बंद होगा। खराब वर्किंग, यूजर चार्जेस में कम वसूली, करोड़ों का खर्च और इन सबके बीच खामियों से हो रही लगातार किरकिरी ने नगर निगम को यह कदम उठाने पर मजबूर कर ही दिया। शहर के पांच जोन में चल रही निगम की इस मुहिम को संचालित कर रही एजेंसियों को मेयर डॉ। आईएस तोमर ने जमकर फटकारा है। मेयर ने ट्यूजडे को अपर नगर आयुक्त ईश शक्ति कुमार सिंह को पांचों जोन की एजेंसियों के टेंडर खत्म करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

7 महीनों की नाकामी

2 अक्टूबर 2015 को गांधी उद्यान से निगम की इस मुहिम को मेयर ने हरी झंडी दिखाई थी। लेकिन अप्रैल तक पिछले 7 महीनों के दौरान यह मुहिम लाल झंडी पर ठहरी दिखाई दी। मुहिम पर होने वाला खर्च मिलने वाले यूजर चार्जेस से कई गुना ज्यादा रहा। हालात यह रही कि अक्टूबर 2015 से मार्च 2016 तक 6 महीनों में इस मुहिम से निगम को यूजर चार्जेस के तौर पर महज 33.70 लाख रुपए की आमदनी हुई। लेकिन अक्टूबर 2015 से फरवरी 2016 में निगम ने इस मुहिम पर 2.70 करोड़ से ज्यादा खर्च कर दिए। इस खर्चे से इतर निगम को डोर टू डोर मुहिम के लिए 200 रिक्शों की खरीद पर भी 35 लाख से ज्यादा खर्च करना पड़ा।

जल्द खत्म होगा करार

शहर को 7 जोन में बांटकर इस मुहिम को शुरू किया गया था। इसके लिए जोन 1 में आनंद नारायण, जोन 3 में खान कंस्ट्रक्शन, जोन 4 में एसएस कॉन्ट्रैक्टर, जोन 5 में श्री गीता जन कल्याण समिति और जोन 7 में ऐनी जैनी कंस्ट्रक्शन एजेंसी को ठेका दिया गया था। मेयर के पांचों जोन में एजेंसियों के टेंडर रद करने के निर्देश के साथ ही नगर आयुक्त शीलधर सिंह यादव ने भी आदेश जारी कर दिए हैं। जिसमें पांचों जोन की एजेंसियों को 15 दिन में उनका करार खत्म किए जाने का अल्टीमेटम दिया गया है। ऐसा करने के पीछे नगर आयुक्त ने तीन बड़ी वजह गिनाई है। पहली मुहिम पर कम से कम निगम का 12 करोड़ खर्च का बोझ, दूसरी टेंडर के तहत एजेंसी के रेट ज्यादा और तीसरी टिपिंग फीस के तौर पर ज्यादा खर्च समेत एजेंसियों का खराब काम।