- स्मार्ट सिटी लिस्ट से फिर बाहर हुए बरेली में अमृत योजना भी अटकी

- सीवर लाइन और एटीपी बनाए जाने की डीपीआर 8 महीने से पेडिंग

- 6 पार्को के ब्यूटिफिकेशन के लिए महीनों से इंस्पेक्शन तक न हो सका

BAREILLY:

स्मार्ट सिटी की लिस्ट में नाम शुमार न हो पाने की चोट खाए बरेली को 'अमृत' की राहत भी नसीब न हो रही। केन्द्र सरकार की स्मार्ट सिटी मिशन में तीसरी बार की नाकामी से उदास शहर में अमृत योजना के तहत होने वाले काम भी शुरू न हो सके हैं। अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन, अमृत केन्द्र सरकार की योजना है। जिसके तहत बरेली में सीवर लाइन, पेयजल, पार्क व अर्बन ट्रांसपोर्टेशन की सुविधाएं मुहैया कराई जानी है। लेकिन योजना के तहत शहर में नई सीवर लाइन के लिए भेजी गई डीपीआर ही 8 महीने से अटकी है। वहीं शहर के 6 पार्को के रेनोवेशन की कवायद में स्थलीय परीक्षण तक न हो सका है।

नई सीवर लाइन अटकी

बरेली शहर के महज 40 फीसद एरिया में ही सीवर लाइन बिछी है। यह भी करीब 46 साल पुरानी और जगह जगह से जर्जर है। बरेली शहर में नई सीवर लाइन बिछाने को करीब 2200 करोड़ का प्रोजेक्ट बना है। जिसके लिए केन्द्र सरकार से भी बजट बनना है। लेकिन बीते 4 साल से यह योजना ठंडे बस्ते में है। अमृत योजना के तहत शहर के सेंट्रल सिटी एरिया में नई सीवर लाइन बिछाने की योजना मंजूर हुई। इसमें कुतुबखाना, शाहदाना, शहामतगंज, कालीबाड़ी, सिविल लाइंस व चौपुला समेत पुराना शहर अन्य एरियाज में सीवर लाइन बिछाने की डीपीआर शहरी विकास मंत्रालय को भेजी गई। लेकिन 8 महीने से इस पर भी कोई प्रोग्रेस न हो सकी।

2 एसटीपी भी पेंडिंग

अमृत योजना के तहत शहर के सेंट्रल एरिया मे नई सीवर लाइन बिछाने को जलनिगम ने करीब 505 करोड़ की डीपीआर तैयार की है। 8 महीने पहले इसे शहरी विकास मंत्रालय के पास मंजूरी के लिए भेजा गया। केन्द्र से आई टीम ने डीपीआर पर स्थलीय परीक्षण किया। जिसमें टीम ने पहले टेक्किनल और फिर फाइनेंशियल ऑब्जेक्शन उठाए। सीवर लाइन की डीपीआर पर मंजूरी अटकी होने के साथ ही शहर में बनने वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, एसटीपी की डीपीआर भी ठंडे बस्ते में है। सेंट्रल सिटी में सीवर लाइन प्रोजेक्ट की मंजूरी के बाद नकटिया नदी के पास हरुनगला में एसटीपी और ट्रांस रेलवे जोन में सरायतल्फी में दूसरे एसटीपी के बनाए जाने की कवायद भी अटकी है।

6 पार्को का रेनोवेशन अधूरा

अमृत योजना के तहत शहर के 6 पार्को के रेनोवेशन व ब्यूटीफिकेशन की कवायद भी अधूरी पड़ी है। योजना के तहत शहर के रामपुर गार्डेन स्थित गांधी उद्यान व अक्षर विहार पार्क और प्रेमनगर स्थित सीआई पार्क को संवारा जाना है। वहीं सेकेंड फेज में हार्टमैन कॉलेज स्थित रामलीला ग्राउंड, तिलक इंटर कॉलेज के पास तिकोनिया पार्क और सिविल लाइंस में लोहिया पार्क को भी योजना में शामिल किया गया। निगम की ओर से सभी 6 पार्को की डीपीआर लखनऊ में रीजनल सेंटर फॉर अर्बन एंड इन्वॉयरमेंटल स्टडीज, आरसीयूईएस को भेजी गई। लेकिन आरसीयूईएस की ओर से डीपीआर को मंजूरी देने से पहले एक बार भी स्थलीय परीक्षण के लिए कोई टीम बरेली न आ सकी।

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