-कोई बकरा तो कोई केक की काटकर मनाएगा बकरीद

-शहर में इस बार जमकर हुई बकरों की खरीददारी बाहर से भी आए बकरों की रही डिमांड

BAREILLY:

ईद-उल-जुहा के लिए शहर में आज कुर्बानी की जाएगी। शहर में इस बार उत्तराखंड के बकरों की भी डिमांड रही। जिसमें कई शौकीन लोगों ने एक दो माह पहले से की बकरों की खरीदारी कर अपने घर ले आए। लेकिन इस बार पब्लिक ने अलग तरीके भी बकरीद मनाएंगे। लोगों का कहना है कि वह बकरे की कुर्बानी करने की बजाय केक और चॉकलेट बांटकर बकरीद मनाएंगे। इसके लिए लोगों ने तैयारी भी पूरी कर ली है.लोगों ने इसके लिए खरीदारी और अन्य तैयारियां भी पूरी कर ली हैं।

इस प्रजातियों के बकरे खूब बिके

शहर में सैलानी, कुतुबखाना में पूरा दिन बकरा की मंडी सजी रही है, जो कि देर रात तक खुली रही। इसमें सबसे महंगा तोतापरी प्रजाति का बकरा बिका। इस प्रजाति के बकरे के कान एक फिट लंबे होते हैं। इसके अलावा बरबरे बकरे, अजमेरी बकरे, भरतपुरी, दुम्बा आदि रहे। इसके अलावा बाजार में छोटे कद के बकरों की भी खूब डिमांड रही।

जीएसटी ने बिगाड़ दिया बजट

पब्लिक की माने तो इस बार जीएसटी लगने से बकरों की कीमत में भी इजाफा हुआ है। बकरा मंडी में खरीदारी करने आए लोगों ने बताया कि पिछली बार जो बकरा 50- 60 हजार रुपए में बिका था, वही बकरा इस बार 70-80 हजार रुपए में मिल रहा है। बकरा बेचने आए व्यापारियों का कहना है कि बकरा को बेचने के लिए लाते समय काफी परेशानी होती है। चेकिंग बढ़ने से पुलिस भी तंग करती है। जिससे बकरा व्यापारी भी इस बार पिछली बार की अपेक्षा शहर में कम आए हैं।

बकरे के लिए पिलाते हैं जूस

घेर शेख मिठठू निवासी कासिफ कुर्बानी के लिए अपने घर में उत्तराखंड से भराने प्रजाति का एक बकरा लाए हैं। जिसकी कीमत करीब 1 लाख 20 हजार बताई जा रही है। उन्होंने बताया कि इस बकरे की खासियत यह है कि यह खुद सिर्फ पत्ता खाने के अलावा और कुछ नहीं खाता है। इसको खिलाने के लिए भी एक नौकर रखना पड़ता है, जो कि इसे खिलाता है। इसके साथ बकरे की डाइट का भी ध्यान रखना पड़ता है। कासिफ ने बताया कि वह बकरे के लिए परिवार के सदस्य की तरह रखते हैं। इसके लिए सुबह करीब एक घंटा टहलाने के लिए ले जाते हैं। इसके बाद नाश्ता में उसे फ्रूट जूस और पत्ता खाने को देते हैं। दोपहर को उसे नहलाने के बाद वह उसे खाने में गुड़, चना, पत्ता, मक्का, लाहौरी नमक आदि खाने के लिए देते हैं और शाम को बकरा के लिए एक लीटर दूध भी पिलाते हैं। वहीं अजादार हुसैन ने बताया कि वह दो बकरे लाए हैं। दोनों बकरे करीब एक लाख के हैं।

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केक काट कर मनाएंगे बकरीद

यूपी पुलिस से रिटायर्ड 112 वर्ष के बुजुर्ग जुरियत हुसैन काजमी ने बताया कि वह हर बार बकरे की कुर्बानी करके ही बकरीद मनाते थे, लेकिन परिवार वाले ईद उल जुहा पर बकरे की कुर्बानी करके ईद मनाएंगे, लेकिन वह इस बार बच्चों के साथ केक काटकर ही ईद-उल-जुहा का त्योहार मनाएंगे। इसके साथ ही वह पब्लिक को इधर-उधर गंदगी न करने का भी संदेश देंगे।