कूड़ा उठाने वाले वाहनों में फर्जी तरीके से दिखा दिया लाखों का बजट

नगर आयुक्त ने मांगी रिपोर्ट, पूछा मानक से ज्यादा कैसे खर्च हुआ डीजल

BAREILLY:

तेल के खेल में अपनी साख पर बट्टा लगा चुके नगर निगम में एक बार फिर डीजल की खपत का फर्जीवाड़ा शुरू हो गया है। तेल के इस खेल में हर महीने होने वाली लाखों की कमाई के चलते निगम के वाहनों में डीजल की खपत में फर्जी आंकड़ेबाजी शुरू हो गई है। इस बार फर्जीवाड़े का खुलासा किसी अधिकारी या पार्षद ने नहीं बल्कि शहर की बदहाल सफाई व्यवस्था ने ही उजागर कर दी है। शहर में जगह जगह गंदगी के लगे अंबार और सफाई कर्मियों के ड्यूटी से नदारद होने की असलियत जाहिर होने के बाद कूड़ा वाहनों से कूड़ा उठाने और इस प्रोसेस में खर्च हुए डीजल पर भी सवाल उठ खड़े हुए।

कूड़ा उठा नहीं, कहां गया तेल

नगर आयुक्त शीलधर सिंह यादव ने शहर की सफाई व्यवस्था ठप होने और वार्डो में कर्मचारियों के काम न करने की शिकायत पर सभी अधिकारियों की बैठक ली। जिसमें स्वास्थ्य ही नहीं बल्कि निर्माण व जलकल विभाग के अधिकारियों को भी शहर में सफाई व्यवस्था परखने के निर्देश जारी किए। पिछले तीन दिनों के अधिकारियों के इंस्पेक्शन में कई जगह सफाई न होने, कूड़ा न उठने और कर्मचारियों के ड्यूटी पर न आने के मामले सामने आए। इस पर नगर आयुक्त ने स्वास्थ्य विभाग के सीआई पार्क, सिविल लाइंस और किला स्थित चारों गैराज में डीजल की खपत का रिकॉर्ड जांचा। जिसमें अनियमितता मिली।

नगर आयुक्त ने मांगा हिसाब

एक ओर शहर से कूड़ा न उठने के मामले उजागर हुए, वहीं दूसरी ओर कूड़ा उठाने वाले वाहनों पर डीजल की सप्लाई ज्यादा हो गई। इस गड़बड़ी पर नगर आयुक्त ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। अशोक कुमार से इस पर जवाब तलब कर लिया है। नगर आयुक्त ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी को निगम के चारों गैराज के वाहनों पर बहुत ज्यादा डीजल खर्च होने पर जवाब तो मांगा ही है। साथ ही साल 2014 के अगस्त, सितंबर व अक्टूबर के साथ ही इस साल के अगस्त, सितंबर व अक्टूबर महीने में चारों गैराज के वाहनों पर खर्च डीजल का हिसाब मांग लिया है।

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नगर निगम के वाहनों पर खर्च होने वाले डीजल का ब्योरा आंकड़ों में कहीं ज्यादा पाया गया है। शहर में कई एरियाज में कूड़ा न उठने की रिपोर्ट मिली है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी से पिछले व इस साल के अगस्त से अक्टूबर महीने के रिकार्ड जांच के लिए मांगे गए है। - शीलधर सिंह यादव, नगर आयुक्त