-वार्ड 14 मढ़ीनाथ में पिछले एक महीने से पानी की सप्लाई न होने से दिक्क्त

-सरकारी हैंडपंप सूखे, घरेलू हैंडपंप से निकल रहा गंदा, बदबूदार, पीला पानी

-मजबूरी में आरओ का पानी खरीद कर प्यास बुझा रहे, पार्षद से निराश लोग

BAREILLY: किसी रोज अगर घर के नल में सुबह से देर रात पानी न आए, तो पानी की किल्लत रूटीन लाइफ को बुरी तरह प्रभावित कर देती है। लेकिन यही सिचुएशन किसी इलाके में महीने भर तक रहे तो। वार्ड क्ब् मढ़ीनाथ ऐसा ही एरिया हैं, जहां पानी की सप्लाई का जबरदस्त संकट है। वार्ड के लोगों की शिकायत है कि पानी जल्दी या देर में आना तो दूर की कौड़ी रही। पिछले एक महीने से उन्होंने घर के नलों में सरकारी सप्लाई का पानी नहीं देखा। पानी के लिए लोगों को सुबह से शाम तक जूझना पड़ रहा है। नगर निगम व जलकल विभाग के अधिकारियों को की गई शिकायतें भी नलों से पानी की धार नहीं निकाल सकी।

किस काम का नया टैंक

वार्ड क्ब् मढ़ीनाथ में अनुमानित आबादी करीब ख्भ् हजार है। इस वार्ड से सटे वार्ड क्ख् सनैया धान सिंह में भी पानी की जबरदस्त कमी है। वार्ड में पानी की किल्लत दूर करने को यूआईडीएसएएमटी योजना के तहत एक नया ओवरहेड टैंक बनाया गया। जलनिगम की ओर से यह टैंक तैयार हुए महीनों बीत गए। लेकिन जलकल विभाग को हैंडओवर न होने से पानी की रेगुलर सप्लाई इस ओवरहेड टैंक से शुरू न हो सकी। सरकार के करोड़ों के बजट से ओवरहेड टैंक तनकर तैयार तो हो गया, मगर हजारों लोगों की प्यास बुझाने में सफेद हाथी ही साबित हो रहा।

हैंडपंप से भी राहत नहीं

वार्ड में पानी की जो भी थोड़ी बहुत सप्लाई हो रही, वह ललिता देवी मंदिर स्थित नलकूप से हो रही। मगर यह नलकूप वार्ड की प्यास बुझाने के लिए भी नाकाफी है। ऐसे में जनता के सरकारी हैंडपंप से राहत की आस हुई। लेकिन पानी की कमी से बेहाल इस वार्ड में सरकारी हैंडपंप भी न के बराबर हैं। पार्षद चित्रा मिश्रा के मुताबिक वार्ड में महज भ् सरकारी हैंडपंप है, जिनमें से दो खराब पड़े हैं। ऐसे में जनता को सरकारी हैंडपंप से भी इस तपती गर्मी में राहत नहीं मिल रही।

बोरिंग से निकले गंदा पानी

नल में सरकारी पानी का सूखा और वार्ड में बेहद कम व खराब पड़े सरकारी हैंडपंप। वार्ड की जनता ने जीने औरपानी की जरूरत पूरा करने के लिए खुद ही घरेलू हैंडपंप लगवाकर और घरों में बोरिंग का पानी यूज करना शुरू किया। लेकिन इस जद्दोजहद में भी जनता को राहत नसीब नहीं। बोरिंग का पानी बेहद पीला व गंदा निकलने से पब्लिक के लिए साफ पानी की अवेलेबिल्टी चुनौती बन गई। वार्ड के लोगों का कहना है कि मजबूरी में हैंडपंप का पानी लेते है। लेकिन यह पानी इतना गंदा व बदबूदार है कि कुछ घंटे स्टोर करने भर से बाल्टी या बर्तन में काई सी जम जाती है।

यहां भी पानी खरीदने की मजबूरी

पानी की सप्लाई न होने और हैंडपंप से गंदा व बदबूदार पानी आने की दिक्कतों के चलते मढ़ीनाथ के भी करीब क्ख्00 परिवार रोजाना पीने का पानी खरीदकर प्यास बुझाने को मजबूर हैं। चौपुला जाने वाली रोड पर अपना जनरल स्टोर चलाने वाले राजेश कहते हैं कि बिना पानी खरीदे न प्यास बुझाई जा सकेगी और न ही घरों में खाना पक सकेगा। चौपुला रोड पर एक निजी आरओ प्लांट वार्ड में क्भ् रुपए कीमत पर क्भ् लीटर का पानी सप्लाई करता है। दुकान से लेकर घरों तक में रोजाना ऐसे ख्-फ् वॉटर कैन खरीदे जा रहे। एक महीने में ही एक घर को करीब क्000 से क्ख्00 रुपए तक खर्च करने पड़ रहे। वह भी सिर्फ साफ पीने के पानी पर। जिसे मुहैया कराना जलकल विभाग की जिम्मेदारी है।

पार्षद के खिलाफ नाराजगी

नगर निगम के जलकल विभाग के सितम झेलने को मजबूर वार्ड मढ़ीनाथ के बाशिंदे अपनी पार्षद चित्रा मिश्रा के नजरअंदाज किए जाने से भी खासे निराश हैं। पानी की किल्लत से लेकर खराब हैंडपंप को दुरुस्त न कराए जाने और बोरिंग के पानी में भी पीलापन व बदबू आने के बावजूद राहत न मिलने से लोगों में नाराजगी है। वार्ड के लोगों का कहना है कि पार्षद खुद से कभी पब्लिक की समस्या को जानने आगे नहीं आई। उनसे कंप्लेन की भी तो कोई राहत न मिली। वार्ड में पानी की समस्या बताने और लोगों की तकलीफ दिखाने को भी पार्षद समय न निकाल सकी।

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एक महीने से वॉटर सप्लाई से पानी नहीं आ रहा। पानी की बहुत ज्यादा किल्लत है। बोरिंग का पानी इतना गंदा आ रहा कि खाना पकाने व पीने के लिए मजबूरी में पानी खरीदना पड़ रहा। पार्षद से इन समस्यायों पर राहत न मिली।

- राजेश कुमार

महीने भर से ज्यादा हो गया, घर में पानी नहीं आ रहा। हैंडपंप से इतना गंदा पानी आता है कि यूज नहीं कर सकते। पीने और खाना पकाने के लिए आरओ प्लांट से ले रहे पानी। घर के यूज के लिए सिटी स्टेशन से भरकर लाते हैं पानी। - कुमुद शर्मा

वार्ड में गंदे बदबूदार पानी के अलावा किल्लत की भी समस्या है। बाजार व घर में लोगों ने खुद से हैंडपंप लगवाए, मगर इससे राहत नहीं मिली। पार्षद से कई बार कंप्लेन की, मगर उनसे भी बात न बनी तो क्या करें।

- सतीश कुमार

सुबह से ही पानी की किल्लत शुरू हो जाती है। बोरिंग का पानी भी कई बार कीचड़ जैसा निकलता है। इस पानी से बर्तन धोकर रखें तो कुछ घंटे में ही उनपर काई जम जाती है। आरओ का पानी न खरीदें तो गुजारा ही न चल सके।

- देवा भाटिया

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