- मेंटली रिटार्डेड मां ने जन्म के बाद ही बच्चे को नहीं कराई ब्रेस्ट फिडिंग, बच्चा हो गया कुपोषित

- दादी लेकर पहुंची एनआरसी, अच्छी देखरेख के चलते बच्चे की बच गई जान

बरेली : मां की दिमागी हालत ठीक न तो तब भी वह अपने बच्चे को नुकसान नहीं पहुंचाती है इस कहावत को हकीकत में बदलते कई लोगों ने देखा है लेकिन कई ऐसी भी मां है जो मेंटली रिटार्डेड होने पर अपने ही बच्चे को दुत्कार देती हैं। ऐसा ही एक मामला करीब 15 दिन पहले डिस्टिक हॉस्पिटल के पोषण पुनर्वास केंद्र यानि एनआरसी पर पहुंचा। जन्म के बाद से ही मेंटली रिटार्डेड महिला ने नवजात को बे्रस्ट फिडिंग नहीं कराई। कुपोषण के चलते मौत की कगार पर पहुंच चुके मासूम को सही ट्रीटमेंट और देखरेख से नई जिंदगी मिल गई। तेजी से उसका वजन भी बढ़ रहा है। डॉक्टर्स का कहना है कि अगले 15 दिन में बच्चा नॉर्मल स्थिति में आ जाएगा।

महज 1.5 किग्रा। था वजन

15 दिन पहले मिलक निवासी महिला ने दो दिन के नवजात को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के बच्चा वार्ड में एडमिट कराया था। बच्चे का वजन महज 1.5 किग्रा। था। महिला ने बताया कि उसकी बहू का नाम नगीना है जो कि मेंटली रिटार्डेड है, उसने बच्चे को जन्म के बाद से ही अपना दूध नहीं पिलाया जिस कारण बच्चा कमजोर हो गया है। बच्चा वार्ड से मासूम को एनआरसी रेफर किया गया। यहां की डायटिशियन ने जब बच्चे की जांच की तो बच्चा अति कुपोषित था।

लगतार देखरेख से आया सुधार

डायटिशीयन ने बताया कि जब बच्चे को लाया गया था वह सीवियर विजीबल व्लॉस्टिंग से ग्रसित था। बच्चे का मंकी फेस था और शरीर स्कैलेटन की तरह हो गया था। ऐसे में बच्चे को ठीक समय में पोषण न मिलने से उसकी मौत भी हो सकती है। चेकअप के दौरान पता लगा कि उसे निमोनिया भी था। ऐसे में उसके बच पाने की संभावना ज्यादा नहीं लग रही थी। एनआरसी में उसका ट्रीटमेंट शुरू किया गया। जरूरी दवाओं के साथ मदर केयर थेरेपी और लगातार देखरेख से उसकी हालत में सुधार दिखाई देने लगा। बच्चे की दादी एनआरसी में तैयार दूध चम्मच से पिलाती हैं। डायटिशियन ने बताया कि 15 दिन के इलाज के बाद बच्चे का वजन बढ़कर करीब 1.6 किग्रा। हो गया है, अगले 15 दिन में वह नॉर्मल हो जाएगा।

एनआरसी में मिला नाम

बच्चे को एनआरसी में भर्ती हुए करीब 15 दिन का समय बीत चुका है सही इलाज और देखभाल से बच्चे की ग्रोथ भी हो रही है। परिवार ने बच्चे का कोई नाम नहीं रखा था। ऐसे में स्टाफ ने उसे राम कहना शुरू कर दिया। अब सब उसे राम कहकर ही बुलाते हैं।

बच्चे को जब लाया गया था तो उसका मंकी फेस था, ऐसा अत्यधिक कमजोरी के कारण होता है। 15 दिन से एनआरसी में ट्रीटमेंट दिया जा रहा है जिससे बच्चे का वजन भी बढ़ा है।

डॉ। रौजी जैदी, डायटिशीयन, एनआरसी।