नई सरकार के सत्ता संभालते ही सुविधाओं से उतरेगा समाजवादी कलर

>BAREILLY: बहुत जल्द ही प्रदेश में 'समाजवादी' सुविधाओं का रंग-ढंग भी बदला-बदला नजर आएगा। मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान होते ही शपथ ग्रहण के बाद नई सरकार सत्ता संभाल लेगी, जिसके बाद मौजूदा सिस्टम के रंग-ढंग में बदलाव होना तय माना जा रहा है। खासतौर पर वह व्यवस्थाएं, जिन पर सपा का रंग चढ़ा हुआ है। इनमें राशन, कार्ड, एंबुलेंस और परिवहन निगम की बसें मुख्य हैं। माना जा रहा है कि नई सरकार यह नहीं चाहेगी कि उनके शासनकाल में सपा सरकार का कहीं भी कोई निशान बचा रहे। इसलिए बदलाव होना तय है।

आधा दर्जन से अधिक सुविधाएं

सपा के रंग में रंगी हुई आधा दर्जन से अधिक सुविधाएं प्रदेश की जनता को मिल रही है। इसमें राशन कार्ड, यूपी परिवहन निगम की लोहिया बस सहित अन्य बसें, समाजवादी एंबुलेंस सेवा, ई-रिक्शा, लैपटॉप और मेट्रो शामिल है। इन सुविधाओं पर सपा का फ्लैग, कार्यवाहक सीएम अखिलेश यादव का नाम और समाजवादी लिखा हुआ है। वहीं ई-रिक्शा और लैपटॉप पर तो अखिलेश यादव की फोटो भी है।

रंग बदलना तय माना जा रहा है

ऐसे में कोई नई सरकार यह नहीं चाहेगी कि उसके शासनकाल में किसी और पार्टी का गुणगान गाया जाए। वैसे भी प्रदेश का इतिहास रहा है कि यहां जिस पार्टी की सरकार रहती है। वह सुविधाओं का नाम पार्टी से जोड़कर जरूर रख देती है। इसलिए बसों की सेवा हो या कुछ और सब कुछ नई सरकार बनते ही बदल जाता है। ऐसे में एक बात साफ है कि प्रदेश में चल रही करीब आधा दर्जन समाजवादी सेवाओं का रंग भी बदल जाएगा।

7 लाख राशन काडर् नहीं बंटे

बरेली जिले में करीब 7 लाख राशन कार्ड प्रिंट होकर आया है, जिसके कवर पर कार्यवाहक सीएम अखिलेश यादव की फोटो है। वहीं राशन कार्ड के अंदर के पेज पर अखिलेश यादव का नाम भी लिखा हुआ है, जिस पर चुनाव से पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद ने आपत्ति भी जताई थी, तो बाद में चुनाव आयोग ने राशन कार्ड के वितरण रोक लगा थी। अब बीजेपी की सरकार बहुत के साथ प्रदेश में चुन ली गई है, तो यह उम्मीद कम ही है कि प्रदेश में समाजवादी रंग में रंगे राशन कार्ड का वितरण हों। यहीं हाल परिवहन निगम की बसों का भी है, जिसका रंग नई सरकार आते ही बदल जाता है। बरेली रीजन में चल रही 500 से अधिक बसें और 419 ई-रिक्शा के भी रंग बदलने की उम्मीद जताई जा रही है।

इन्हें सता रही है चिंता

सुविधाओं का लाभ पा रहे लोगों को इस बात की चिंता सता रही है कि कहीं वह लाभ से वंचित न हो जाएं। ई-रिक्शा चालकों का कहना है कि कोई कैसे कार्रवाई करेगा हमारे पास लाइसेंस, परमिट और इंश्योरेंस सब कुछ है। यदि कलर को लेकर पुलिस कार्रवाई करती है, तो उसे किसी तरह बदल दिया जाएगा। वहीं अधिकारियों को भी दोबारा तामझाम और परेशानियां उठानी पड़ सकती है। संबंधित विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नई सरकार आने पर हर बार यही होता है। एक ही चीज के लिए दोबारा मेहनत करनी पड़ती है।

राशन कार्ड और कवर बांटे नहीं गए हैं। नई सरकार के बनने के बाद जो आदेश आएगा । उसी के हिसाब से काम किया जाएगा।

केएल तिवारी, डीएसओ