- महाराष्ट्र में बारिश से प्याज की उपज पर पड़ा असर

- सप्लाई कम होने से दो हफ्ते में प्याज के रेट में दोगुना इजाफा

BAREILLY:

जनाब, तैयार हो जाइए। प्याज फिर से तेवर में आ गई है। अब आप या तो अपनी जुबान को संभालिए, या फिर जेब को। क्योंकि फिलहाल, तो प्याज की रेट ने आंखें ही भरी है, लेकिन इस बात के प्रबल कयास है कि जल्द ही इसकी रेट आपको रुलाने लग जाएगी। अंदाजा इस बात का भी लगाया जा रहा है कि इस बार भी प्याज के रेट अपने पुराने रिकार्ड के आसपास पहुंच सकते हैं। 10-12 दिनों में ही प्याज के रेट ने डबल जंप लगाकर 50 रुपए केजी तक पहुंच गए हैं। वजह साफ है मंडियों में प्याज की कम आपूर्ति है।

50 रुपए प्रति केजी प्याज

जहां दो सप्ताह पहले डेलापीर मंडी में प्याज का थोक रेट 15 से 18 रुपए था। जबकि, बाजार में यही प्याज फुटकर में 25 रुपए प्रति केजी बिक रही थी। वहीं अब आपूर्ति प्रभावित होते ही प्याज के रेट बढ़ना शुरू हुआ, जो कि जारी है। फिलहाल, संडे को मंडी में प्याज का थोक रेट 30 से 35 रुपए प्रति केजी रहा। यही प्याज मोहल्लों में ठेले पर 60 रुपए प्रति केजी तक भी बेची जा रही है। इसमें भी दुकानदार बड़ी व छोटी प्याज के आधार पर रेट में अंतर कर दिए हैं। अंदाजा इस बात का भी है कि यह हफ्ते भर के भीतर 70 रुपए केजी का आकड़ा भी पार कर सकती है।

रोजाना 4 ट्रक ही अा रही प्याज

बरेली में रोजाना 5 ट्रक प्याज की खपत है। यह महाराष्ट्र से आती है। लेकिन पिछले एक पखवाड़े से मंडी में रोजाना 3 से 4 ट्रक ही प्याज आ रही है, जिससे प्याज के थोक व फुटकर रेट में करीब दोगुना का इजाफा हुआ है। इसका असर लोगों की थाली पर भी पड़ने लगा है। प्याज की आपूर्ति प्रभावित होने की वजह महाराष्ट्र में भारी बारिश बताई जा रही है। शहर में नासिक से प्याज आती है। नासिक में बारिश से प्याज की फसल चौपट हो गई, जो अगले एक-दो महीने में बाजार में होती। दूसरी, बात यह है कि वहां पर बारिश के चलते सप्लाई भी नहीं हो पा रही है, जिस कारण भी प्याज का रेट आसमान पर पहुंच गया है।

खपत पर भी पड़ा असर

महंगे प्याज को लेकर कारोबारियों के तर्क भले ही वाजिब लगें, लेकिन इसने लोगों के खाने का स्वाद फीका कर दिया है। प्याज के दाम बढ़ने से शहर में प्याज की खपत काफी कम हुई है। बावजूद इसके आपूर्ति मांग के हिसाब से कम पड़ रही है। डेलापीर, कुतुबखाना, शाहमतगंज व नगर निगम सब्जी मंडी में नासिक से आने वाली प्याज के अलावा यहां की मंडियों से आस-पास के एरिया और गांव के भी छोटे-मोटे व्यापारी प्याज ले जाकर बिक्री करते है, लेकिन प्याज के रेट जिस हिसाब से बढ़ें हैं, उस हिसाब से डिमांड में काफी कमी आयी है।

ज्यादा दिन रुलाएगी प्याज

दरअसल, पिछले दिनों महाराष्ट्र में हुई बारिश इस महंगाई की जड़। कृषि अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र में रवी और खरीफ दोनों की सीजन में प्याज उगाई जाती है। कुछ दिन पहले महाराष्ट्र में हुई भारी बारिश से खरीफ की फसल काफी बर्बाद हुई है। जोकि, प्याज के लिए पूरे देश का सबसे बड़ा सेंटर माना जाता है। यहां से बरेली सहित पूरे देश के कोने-कोने में प्याज की सप्लाई होती है। ऐसे में, प्याज ज्यादा दिन तक रुला सकती हैं। यानि की प्याज के दाम में कमी आने की संभावना कम है। यदि सरकार विदेश से प्याज का आयात करती है तो भले ही इसके रेट में कमी हो जाए। अन्यथा, इसमें कमी आने की संभावना बाजार के एक्सप‌र्ट्स कम ही जता रहे हैं।

बाकी सब्जियों के दाम सामान्य

प्याज को छोड़कर बाकी हरी सब्जियों के दाम में कोई खास उतार-चढ़ाव नहीं है। टमाटर, बैगन, मिर्च, आलू, शिमला मिर्च और बिन्स आदि सब्जियों के दाम में कोई खास इजाफा नहीं हुआ है।

महाराष्ट्र में इस सीजन में भी प्याज की पैदावार होती है। बारिश के चलते फसल बर्बाद हुई। जिस वजह से प्याज के प्राइस में इजाफा देखने को मिल रहा है।

डॉ। राम तेज यादव, कृषि अधिकारी

बाहर से प्याज के इंपोर्ट में कमी आयी है। रिटेलर भी अब प्याज की डिमांड कम कर रहे हैं। सामान्य दिनों में डेलापीर मंडी में 5 ट्रक प्याज इंपोर्ट होती है।

सरताज नवी, होलसेलर

जो लोग कुछ दिन पहले एक केजी प्याज की मांग करते थे। वह आधा केजी पर आ गए है, जिस वजह से हम लोग भी अब कम प्याज मंडी से उठा रहे है।

सारिक, रिटेलर

महंगाई ने घर का बजट की बिगाड़ दिया है। खासकर इन दिनों प्याज ने। पिछले कुछ दिनों से प्याज के दाम बढ़ने से समस्या आ गयी है।

रफ्फाक, कस्टमर