Bareilly: पूर्व भारतीय नौसैनिक कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी के साथ इस्लामाबाद में दु‌र्व्यवहार किया गया। कश्मीर में एलओसी पर घात लगाकर हमला कर दिया, जिसमें एक मेजर समेत पांच भारतीय सैनिक शहीद हो गए। दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। इस बीच बरेली का एक नौजवान देश के लिए अच्छी खबर लेकर आया है। वह एक पाकिस्तानी लड़की को देश की बहू बनाकर ले आया। विपरीत परिस्थितियों के बीच सरहद के पार कैसे परवान चढ़ा प्यार, पढिए

 

दो वर्ष तक चली बात, अब निकाह

बिहारीपुर मेमारान निवासी अलीशान ने बताया कि उनके पिता वसीम इम्तियाज ईट भट्ठा कारोबारी हैं। अलीशान ने दो वर्ष पहले बीकॉम करने के बाद डीडीपुरम में जिम खोल लिया। उन्होंने बताया कि वह दो वर्ष पहले पिता, मामा के बेटों से मिलने लाहौर में गए थे। वहां पर अलीशान की मुलाकात हफ्सा से हुई। दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई। वहां से आने के बाद अलीशान और हफ्सा की बातचीत चलती रही। अलीशान का कहना है कि दोनों की दोस्ती कब प्यार में बदल गई, उसे पता ही नहीं चला। जानकारी जब दोनों के परिजनों को हुई तो वह भी निकाह करने को तैयार हो गए।

 

6 दिसम्बर को पहुंचे थे पाकिस्तान

अलीशान ने बताया कि वह इंडिया से 6 दिसम्बर को बारातियों के साथ बाघा बॉर्डर पर पहुंच गए। वहां पर दोनों तरफ से सेना ने जांच पड़ताल की प्रक्रिया पूरी करने के बाद पाकिस्तान जाने की अनुमति दी। उधर पाकिस्तान बॉर्डर में प्रवेश करते ही लड़की के पिता मो। सुहेल भी अपने रिश्तेदारों के साथ बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। वह सभी को निकाह मैरिज हॉल ले गए। जहां पर निकाह की रस्में पूरी की गई। जिसके बाद सभी बाराती तो 14 दिसम्बर को वहां से वापस इंडिया आ गए, लेकिन हफ्सा के साथ 25 दिसम्बर शाम को शहर पहुंचे हैं। हफ्सा के पिता भी पाकिस्तान में इलेक्ट्रॉनिक्स व्यापारी हैं।

 

पाक से ज्यादा प्यारा है इंडिया

परिजनों ने बताया कि हफ्सा के पिता लाहौर के चौहान रोड सांधा में रहते हैं। हफ्सा ने लाहौर के एक कॉलेज से बीए किया है। उसकी उम्र अभी 22 वर्ष है। हफ्सा का कहना है कि उसे इंडिया पहुंचकर लगा ही नहीं कि वह लाहौर छोड़ आई है। उसे पाकिस्तान से ज्यादा प्यार तो इंडिया में मिला है। हालांकि, हफ्सा को अभी पाकिस्तान से इंडिया में रहने के लिए मात्र 30 दिन का ही वीजा मिला है, लेकिन वह वीजा की डेट बढ़वाने के साथ नागरिकता के लिए भी अप्लाई करेंगे।

 

देखना चाहते हैं इंडियन कल्चर

अलीशान और हफ्सा का निकाह तो हो गया, जिसमें 32 बाराती भी इंडिया से लाहौर पहुंचे थे, जिसमें सभी को उत्सुकता थी कि उन्हें भी पाकिस्तानी कल्चर को देखने को मिलेगा। निकाह के बाद शहर पहुंचे अलीशान और हफ्सा के परिवार वाले रिसेप्शन पार्टी की तैयारी कर रहे हैं। जिसको लेकर हफ्सा के परिवार के 42 लोग वीजा के लिए अप्लाई किए हैं। हफ्सा का कहना है कि उसके रिश्तेदार इंडिया आने के इच्छुक है, जिससे वह भी इंडियन कल्चर को समझ सके।

 

जंग पर भारी पड़ी मोहब्बत

वसीम इम्तियाज ने बताया कि दोनों पक्षों की सहमति से निकाह की बात तो तय हो गई थी, लेकिन मुश्किल लग रहा था कि पाकिस्तान बारात लेकर जाना था और फिर वहां से दुल्हन को लाना। बारात के लिए पाकिस्तान जाने के लिए 32 लोगों के लिए वीजा अप्लाई किया तो अफसरों से मदद मांगी। जिसमें सभी का वीजा मंजूर कर दिया गया। वीजा मिलते ही सभी बहुत खुश हुए और बारात की तैयारी शुरू कर दी।

 

बाघा बॉर्डर पर गर्मजोशी से स्वागत

आसिम इम्तियाज बताते हैं कि जैसे 6 दिसम्बर को जब वह पाकिस्तान के बाघा बॉर्डर पर पहुंचे तो सरहद पर दोनों तरफ दोनों मुल्कों की फौजी मौजूद थे। इंडिया से बारात लेकर पाकिस्तान की सरहद पर जब वह पहुंचे तो लड़की के पिता और अन्य लोगों ने बेहद गर्मजोशी के साथ बारातियों का स्वागत किया। दोनों तरफ से फूलों बारिश की गई।

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