- पिछले 6 साल से जिला अस्पताल में नहीं हुई डॉक्टर्स की भर्ती

- डेली ओपीडी में आते हैं 1700 से 2000 मरीज

-41 पद डॉक्टर्स के हैं डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में

बरेली : जिले में सबसे अधिक पेशेंट्स को सरकारी अस्पतालों में इलाज मिल रहा है वहीं विभागीय अफसर मरीजों को उचित इलाज देने का दावा भी पेश कर रहे हैं लेकिन सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर्स की कमी इस पर सवालिया निशान लगा रही है। जिला अस्पताल में पिछले कई सालों से महज 25 डॉक्टर्स ही मरीजों को इलाज दे रहे हैं। ऐसे में किस प्रकार मरीजों को उचित इलाज दिया जा रहा है इसका जवाब किसी के पास नहीं है।

41 पद डॉक्टर्स के हैं स्वीकृत

जिला अस्पताल प्रबंधन से मिले डाटा के अनुसार शासन की ओर से जिला अस्पताल में डॉक्टर्स के 41 पद स्वीकृत हैं, जबकि वर्तमान में यहां महज 25 पदों पर डॉक्टर्स तैनात हैं। इनमें शामिल एक पद प्रशासनिक सेवाओं के लिए है। ऐसे में यहां मरीजों का इलाज प्रभावित होना लाजमी है।

इन स्पेशलिस्ट की सालों से कमी

जिला अस्पताल में हार्ट वार्ड तो बना है लेकिन पिछले कई सालों से कॉर्डियोलाजिस्ट नहीं हैं इसी क्रम में नेफ्रोलॉजिस्ट, एक पद पैथोलॉजिस्ट, दो पद पीडियाट्रिशियन, सर्जन और फिजिशियन के रिक्त पदों पर लंबे समय से तैनाती नहीं हो सकी है।

जिले में खाली हैं डॉक्टर्स के 74 पद

जिला अस्पताल ही नहीं बल्कि जिले भर के हेल्थ सेंटर्स पर डॉक्टर्स का टोटा लंबे समय से चल रहा है। जिले में शासन की ओर से डॉक्टर्स के कुल 237 पद स्वीकृत हैं जिसके सापेक्ष 163 पदों पर ही डॉक्टर्स तैनात हैं अन्य 74 पदों पर लंबे समय से नियुक्तियां नहीं हो सकी हैं।

डेली इतनी होती है ओपीडी

जिला अस्पताल में कोरोना का केसेस में कमी आने के बाद 1500 से 2000 तक डेली ओपीडी में मरीज आते हैं ऐसे में सबसे अधिक मरीज फिजिशियन के पास आते हैं महज तीन फिजिशियन होने से अक्सर ओपीडी में मरीज हंगामा करते हैं। एक डॉक्टर के पास मरीजों की लंबी लाइन रोजाना लग रही हैं। आंकड़ों की बात करें तो रोजाना ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या के आधार पर एक डॉक्टर के जिम्मा 83 मरीज देखना हैं 6 घंटे की ओपीडी में इतने मरीजों को समय देकर इलाज देना बड़ा सवाल है।

अब होगा अधिक संकट

जिला अस्पताल में तैनात रहे फिजिशियन डॉ। वागीश वैश्य सबसे अधिक ओपीडी में मरीज देखने वाले डॉक्टर हैं उन्होने एक साल में सबसे अधिक करीब 55 हजार मरीज देखे हैं। लेकिन हाल ही में हुए अधिकारी-कर्मचारियों के ट्रांसफर में उनका ट्रांसफर शाहजहांपुर जिला अस्पताल कर दिया है, ऐसे में अब जिला अस्पताल में मरीजों के इलाज में काफी दिक्कत होगी।

कई बार शासन को भेजा प्रस्ताव

जिला अस्पताल प्रबंधन के अनुसार कई बार डॉक्टर्स के रिक्त पदों पर नियुक्तियों के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है लेकिन आश्वासन के अलावा एक भी पद पर तैनाती नहीं की गई है।

बीते कई सालों से डॉक्टर्स के पदों पर नियुक्तियां नहीं हुई हैं हालांकि मानव संसाधन की कमी होने के बाद भी मरीजों को उचित इलाज देने में प्रयासरत हैं।

डॉ। सुबोध शर्मा, एडीएसआईसी