एक्सक्लुसिव न्यूज

- रामगंगा नदी के किनारे, रेलवे ट्रेक, सड़कों के किनारे पड़े हैं सैकड़ों लावारिस पौधे

- वन विभाग अपनी जिम्मेदारी से कतरा रहा, स्थानीय निवासी ने वन विभाग पर लगाए आरोप

BAREILLY:

वन विभाग समेत अन्य विभागों की ओर से चलाई जा रही पौधरोपण की कवायद सड़कों के किनारे 'दम तोड़' रही है। शहर समेत शहर के बाहरी इलाकों और रामगंगा के किनारे पौधरोपण की हकीकत पौधों की दुर्दशा बयां कर रही है। खुले में रखे पौधों को बंदर व अन्य जानवर तोड़कर बर्बाद कर रहे हैं। पानी न मिलने की वजह से वह मुरझा भी रहे हैं। लेकिन खुले में रखे इन पौधों पर आम नागरिकों की नजर भी पड़ रही है लेकिन कोई इन्हें जीवन का वरदान देने के लिए राजी नहीं हो रहा है। संबंधित मामले पर डीएफओ से बात हुई तो उन्होंने मामले की जांच कराने को कहा है।

रामगंगा पर 'दम तोड़' रही हरियाली

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम को रामगंगा समेत शहर के कई इलाकों में पौधों की दुर्दशा दिखी। रामगंगा पुल पार करने के बाद दूसरी तरफ करीब डेढ़ सौ से ज्यादा पौधे रखे हुए हैं जिसमें आधे से ज्यादा सूख चुके हैं। जबकि वहां पौधे लगाने के लिए गड्ढे भी खोदे गए हैं। स्थानीय निवासियों के मुताबिक यह पौधे वन विभाग की ओर से लगाए जाने थे। जिन्हें लाकर रख दिया गया है लेकिन इन्हें लगाया नहीं गया। जबकि डीएफओ ने संभावना जताई है कि यह पौधे डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया संस्था द्वारा लिए गए थे। जिन्हें उन्हें रामगंगा के किनारे लगाने के लिए दिए गए थे। वहीं, संस्था के कोऑर्डिनेटर ने वन विभाग से लिए गए पौधों को लगा देने और इन पौधों की जानकारी होने से साफ इनकार कर दिया है।

वन विभाग ने अभी पौधरोपण शुरू नहीं किया है। संभवत: यह पौधे वहीं हैं जो डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया के पदाधिकारी ले गए थे। मामले पर जवाब तलब करेंगे।

धर्म सिंह, डीएफओ

वन विभाग से पौधे लिए थे जिन्हें एमएमसीडी अभियान के तहत लगवा दिए गए हैं। यह पौधे किसके हैं और कौन लगाने के लिए लाया था, इसकी जानकारी नहीं है।

राजेश बाजपेई, कोऑर्डिनेटर, डब्ल्यूडब्लयूएफ इंडिया