- रेलवे से हरी झंडी मिलते ही रेलवे क्रॉसिंग के पास जोड़ी गई पीएनजी लाइन

- पीएनजी शवदाह गृह में 600 डिग्री तापमान पर होगा शव का अंतिम संस्कार

BAREILLY:

सिटी श्मशान भूमि में अंतिम संस्कार पाइप्ड नैचुरल गैस (पीएनजी) से अप्रैल लास्ट से होने लगेगा। वर्षो से रेलवे की ओर से जो बाधा थी वह दूर हो गई है। रेलवे से एनओसी मिलते ही क्रॉसिंग के पास छूटे पीएनजी लाइन को जोड़ने का काम पूरा कर लिया गया है। टेस्टिंग होने के बाद नई व्यवस्था से शव का अंतिम संस्कार का काम शुरू कर दिया जाएगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण में काफी मदद मिलेगी।

3 वर्ष पहले लगी थी मशीन

हिन्दू सोशल सर्विस ट्रस्ट ने पीएनजी शवदाह गृह का निर्माण 40 लाख रुपए खर्च कर वर्ष 2015 में ही करा दिया था, लेकिन सिटी श्मशान भूमि रेलवे क्रॉसिंग पार होने की वजह से मामला फंस गया था। सुरक्षा की दृष्टि से रेलवे ने एनओसी जारी नहीं किया। 3 वर्ष बाद जाकर कुछ नियम शतरें को पूरा करने के बाद रेलवे ने क्रॉसिंग के नीचे से पीएनजी लाइन बिछाने को हरी झंडी दी है। जिसके बाद श्मशान भूमि और अयूब खां दोनों छोर से पहले से ही बिछी लाइन को सीयूजीएल ने रेलवे क्रॉसिंग के पास जोड़ने का काम पूरा कर लिया गया है।

टेस्टिंग का बाद सेवा शुरू

सीयूजीएल के इंचार्ज प्रकाश जैन ने बताया कि लाइन बिछाने का काम कम्प्लीट कर लिया गया है। मंडे से टेस्टिंग का काम शुरू कर दिया जाएगा। फिलहाल, शवदाह संस्कार के लिए किस रेट में पीएनजी सप्लाई की जाएगी यह फाइनल नहीं हुआ है। हिन्दू सोशल सर्विस ट्रस्ट के प्रेसीडेंट राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि मशीन लगाने का काम अहमदाबाद की कम्पनी ने किया था। एक वर्ष के लिए कांटै्रक्ट हुआ था, जो कि बीत चुका है। कम्पनी के लोगों से दोबारा सम्पर्क किया गया है। जल्द ही वह बरेली आकर शवदाह मशीन को शुरू करवाने का काम करेगी।

पर्यावरण का होगा संरक्षण

परंपरागत ईधन से शव का दाह संस्कार करने पर करीब साढ़े तीन क्विंटल लकड़ी लगती है। इससे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है। पीएनजी शवदाह गृह का इस्तेमाल बढ़ने से अंतिम संस्कार के लिए पेड़ों की कटाई पर रोक लगेगी। एक्सपर्ट की मानें तो पीएनजी से चलने वाला शवदाह गृह 600 डिग्री तापमान पर काम करता है। इसके जरिए एक शव की अंत्येष्टि में 24 घनमीटर गैस लगती है। सीयूजीएल 500 मिलीबार प्रेशर से शवदाह गृह को गैस की सप्लाई करेगा।

800 से 1000 रुपए आएगा खर्च

सीएनजी शवदाह गृह में एक शव के अंतिम संस्कार करने में करीब 800 से 1000 रुपए का खर्च आएगा। हालांकि गैस की कीमत का निर्धारण अभी नहीं किया गया है। एक शव के अंतिम संस्कार में लगभग एक घंटे का समय लगेगा। इस दौरान प्रयोग होने वाली सीएनजी का खर्च करीब 1000 रुपए आएगा। ट्रस्ट के अधिकारियों ने बताया कि लावारिस या जो शव पुलिस लेकर आती है, उन शवों का अंतिम संस्कार सरकार से मिलने वाले रुपए में किया जाएगा। भले ही खर्च अध्ि1ाक आए।

लावारिस शव की नहीं होगी दुर्गति

लकड़ी के जरिये अंतिम संस्कार करने में करीब तीन हजार रुपये खर्च होते हैं। ऐसे में लावारिस मिलने वाले शवों का अंतिम संस्कार या तो समाजसेवी संगठनों की मदद से कराया जाता है या फिर पुलिस अपने खर्च से करती है। सीएनजी शवदाह गृह चालू होने के बाद ऐसे शवों का अंतिम संस्कार फ्री किया जा सकेगा।

जेनरेटर की भी हाेगी व्यवस्था

दाह संस्कार बीच में ही बाधित न हो इसके लिए जेनरेटर की भी व्यवस्था की जाएगी। ताकि, अचानक बिजली जाने पर जेनरेटर से दाह संस्कार की रस्म को पूरा किया जा सके। पावर बैकअप के लिए 25 एमवीए जेनरेटर शवदाह गृह के लिए खरीदा जाएगा। सिटी श्मशान भूमि पर हर महीने करीब 500 शव का दाह संस्कार होता है।

बॉक्स

- 40 लाख की लागत से बनाया जा रहा है पीएनजी चलित शवदाह गृह।

- 1 शव की अंत्येष्टि में करीब 24 घनमीटर गैस की होती है खपत।

- पावर बैकअप के लिए 25 एमवीए जेनरेटर की भी होगी व्यवस्था।

- सिटी श्मशान भूमि में हर महीने करीब 500 शव का अंतिम संस्कार होता है।

- पर्यावरण होगा सुरक्षित और आर्थिक बोझ भी नहीं पड़ेगा।

पीएनजी शवदाह गृह को 40 लाख रुपए की लागत से बनाया जा रहा है। रेलवे की तरफ से जो समस्या थी वह दूर हो गई है। दाह संस्कार का मिनिमम चार्ज लिया जाएगा।

राजकुमार अग्रवाल, पूर्व मेयर व प्रेसीडेंट, हिन्दू सोशल सर्विस ट्रस्ट

शवदाह गृह के लिए पीएनजी लाइन बिछाने का काम लगभग पूरा हो चुका है। मंडे से टेस्टिंग का काम शुरू किया जाएगा। टेस्टिंग होने के बाद सर्विस शुरू कर दी जाएगी।

प्रकाश जैन, इंचार्ज, सीयूजीएल