स्मार्टफोन का नहीं कर रहे पुलिसकर्मी यूज

फेसबुक पर फोटो व वीडियो करने थे पोस्ट

BAREILLY: सिटी की ट्रैफिक प्राब्लम को सुधारने की आनलाइन कवायद इंटरनेट कनेक्शन के जाल में फंस गई है। पुलिसकर्मियों को दिए गए स्मार्टफोन यूजलेस हो रहे हैं। सिर्फ इन फोन का साधारण यूज ही हो रहा है। कोई भी पुलिसकर्मी अपनी सैलरी से नेट कनेक्शन का रिचार्ज नहीं कराना चाहता है। यही वजह है कि पुलिसकर्मियों के द्वारा कोई भी फोटो व वीडियो ट्रैफिक पुलिस की फेसबुक साइट पर अपलोड नहीं की जा रही हैं।

फेसबुक पेज किया गया था क्रियेट

अप्रैल माह में तत्कालीन एसपी ट्रैफिक ने फेसबुक पर ट्रैफिक पुलिस का एकाउंट ओपन किया था। कुछ दिनों बाद फेसबुक पर अलग से पेज भी बनाया गया था। इन पर पहले पब्लिक से ट्रैफिक प्राब्लम, सुझाव व ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की लापरवाही की फोटो अपलोड करने के लिए कहा था। कुछ लोगों ने सजेशन दिए लेकिन सब नार्मल हाे गया है।

ब्ब् स्मार्टफोन खरीदे गए थे

कुछ दिनों बाद एसएसपी और एसपी ट्रैफिक ने मिलकर ब्ब् स्मार्टफोन खरीदे। इन स्मार्टफोन के साथ सीयूजी नंबर भी खरीदे गए। स्मार्टफोन खरीदने के पीछे मकसद था कि सिटी की ट्रैफिक प्राब्लम को फेसबुक व व्हाटशएप के जरिए सुधारा जा सके। इसके अलावा ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वाले लोगों की फोटो खींचकर उन्हें बदनाम करने और उनका चालान काटने का भी प्लान था। इसके लिए अलावा इन्हीं स्मार्टफोन के जरिए एक-दूसरे पुलिसकर्मियों की वर्किंग पर भी निगरानी रखनी थी।

एक भी पोस्ट अपलोड नहीं

स्मार्टफोन ख्ख् ट्रैफिक पुलिसकर्मियों और बाकी उस एरिया के चौकी इंचार्जो को दिए गए जहां ट्रैफिक की प्राब्लम ज्यादा रहती है। स्मार्टफोन दिए करीब दो महीने से अधिक हो चुका है लेकिन अभी तक एक भी फोटो व वीडियो किसी भी पुलिसकर्मी ने फेसबुक पर अपलोड नहीं किए हैं। जबकि खुलेआम लोग सड़कों पर ट्रैफिक वायलेशन करते हुए घूम रहे हैं।

इंटरनेट कनेक्शन है मेन वजह

अब स्मार्टफोन यूज करना है और वो भी सोशल साइट्स के साथ तो इंटरनेट कनेक्शन भी जरुरी है। लेकिन कोई भी इसमें अपनी पॉकेट से इंटरनेट कनेक्शन चालू नहीं कराना चाहता है। इसलिए ज्यादातर लोगों ने स्मार्टफोन में इंटरनेट कनेक्शन ही चालू नहीं कराया है। इसके अलावा जिन लोगों ने चालू भी करा रखा है तो वो इसे यूज नहीं कर रहे हैं।

कुछ लोग चलाना भी नहीं जानते

इंटरनेट कनेक्शन ना होने के अलावा भी कुछ और वजह हैं। जैसे कुछ ऐसे पुलिसकर्मियों को भी स्मार्टफोन दे दिए गए हैं जिन्हें स्मार्टफोन चलाना ही नहीं आता है। इसके अलावा जो फोन दिए गए हैं उनकी क्वालिटी भी इतनी अच्छा नहीं है कि दूर से फोटो या वीडियो बनायी जा सके।