- कर्मचारियों ने फेंक दी बिजली बिल और पीडी रसीद

- किसी भी रसीद को बेचना और फेंकना है कानूनन जुर्म

<- कर्मचारियों ने फेंक दी बिजली बिल और पीडी रसीद

- किसी भी रसीद को बेचना और फेंकना है कानूनन जुर्म

BAREILLY:

BAREILLY:

रुपए कमाने के लिए बिजली विभाग के कर्मचारियों ने कंज्यूमर्स का रिकार्ड 'कचरे' में डाल दिया है। कंज्यूमर्स की बिल रसीद और परमानेंट डिस्कनेक्शन (पीडी) रसीद को फेंक दिया गया है। जबकि दोनों ही रिकॉर्ड की अहमियत है और बिजली विभाग को इसे संभाल कर रखने का भी नियम है, लेकिन कर्मचारी कमाई के लिए सभी नियमों को ताक पर रखकर कंज्यूमर्स के रिकॉर्ड फेंक दिया। जबकि अधिकारियों को इसकी खबर नहीं है।

रद्दी की तरह पड़ा है रिकॉर्ड

दरअसल, एक साल पहले तक विभाग की ओर से मैनुअली ही बिजली बिल की रसीद काटी जाती थी। जबकि, बिजली बिल न जमा करने वालों को पीडी रसीद बनाई जाती थी। जिसकी एक कॉपी विभाग संबंधित कंज्यूमर्स और दूसरी कॉपी अपने पास महफूज रखता है। कचरे में फेंका गया रिकार्ड में बिल की रसीद और पीडी रसीद है। इसके अलावा और भी कई तरह की रसीदें ऐसी हैं जो कंज्यूमर्स से रिलेटेड हैं और कचरे में पड़ी हैं। यह सभी रिकार्ड सर्किट हाउस स्थित नए मीटर लैब के बगल में लगे एक टेलीकॉम टॉवर के पास छोटे से जर्जर रूम में फेंका गया है।

रुपए ऐंठने के लिए खेल

सोर्सेज की मानें तो रिकॉर्ड को कचरे में फेंकन का यह यह सारा खेल काली कमाई के चक्कर में किया जा रहा है। दरअसल, मैनुअली बिजली बिल जमा करने के बाद कंज्यूमर्स को पक्की रसीद दी जाती है। जबकि डुप्लीकेट कॉपी विभाग अपने पास रखता है। ताकि, कंज्यूमर्स को कभी कोई शिकायत हो तो, रसीद का मिलान कर समस्याओं का समाधान किया जा सके। कंज्यूमर्स ने बिल जमा किया और अगली बार बिल डबल आ जाए तो कंज्यूमर्स बिल की रसीद दिखाकर उसे दुरुस्त करवा सके। अब ऐसे हालात में जब रिकॉर्ड ही कचरे में फेंक दिए गए हैं, तो कंज्यूमर्स से वसूली का रास्ता साफ हो गया है।

सेफ रखना है जिम्मेदारी

नियमों की मानें तो कंज्यूमर्स से जुड़े किसी भी प्रकार रिकॉर्ड को कर्मचारी कूड़ेदान में नहीं डाल सकते हैं और न ही रिकॉर्ड को बेचा जा सकता है। कम से कम इन रसीदों को बीस साल तक सुरक्षित रखना होता है। हालांकि, बीस साल बाद भी रसीद को बेचना या रद्दी टोकरी में डालना जुर्म की श्रेणी में आता है। ऐसा करने पर कार्रवाई की बात की जाए तो कर्मचारियों की नौकरी जाने से लेकर प्रमोशन रोकने तक का प्रावधान है, लेकिन इन सबके बावजूद कर्मचारियों ने यह खेल कर दिया है। सबसे अजीब बात यह है कि इतनी जरूरी डॉक्यूमेंट को फेंक दिए जाने के बाद भी अधिकारियों को इस बात की भनक तक नहीं है।

फर्जी मामला आ चुके है सामने

फर्जी रसीद का मामला बिजली विभाग में सामने आ चुका है। विभाग के ही एक बाबू ने एक बाहरी व्यक्ति के सहयोग से फर्जी रसीद के जरिए दर्जनों कंज्यूमर्स के बिजली बिल रसीद काट दिए थे। फर्जी रसीद के माध्यम से बाबू ने लाखों रुपए का चुना लगा था। हालांकि, बाद में कंज्यूमर्स की शिकायत में मामला पकड़ में आया, लेकिन अधिकारियों ने सिर्फ बाबू का पटल चेंज कर कार्रवाई का कोरम पूरा कर लिया। अब देखने वाली बात यह है कि अधिकारियों की नींद कब खुलती है।

रसीद फेके जाने की बात मेरे संज्ञान में नहीं है। रसीद को फेंकना और बेचना कानूनन गलत है। इस तरह के मामले संबंधित कर्मचारी पर कार्रवाई का प्रावधान है। मामले की जांचकर दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी।

वीके शर्मा, चीफ इंजीनियर, बिजली विभाग