- दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के रियलिटी चेक में मामला आया सामने

BAREILLY:

बिजली कटौती से जहां पब्लिक परेशान हैं। वहीं सब स्टेशन और बिलिंग कलेक्शन सेंटर्स पर तैनात कर्मचारी मौज उड़ा रहे हैं। अक्सर वह अपने सीट से गायब ही रहते हैं। लिहाजा कंज्यूमर्स की समस्या सुनने वाला कोई नहीं होता है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने संडे को सब स्टेशन और बिलिंग कलेक्शन सेंटर का रियलिटी चेक किया। तो हैरान करने वाला सच सामने आ गया। आइए जानते हैं क्या है सच्चाई।

ब्लैक बोर्ड मेंटेन नहीं

सबसे पहले हम दोपहर 11.59 पर सिविल लाइंस 66 केवी सब स्टेशन पर पहुंचे। जहां पर कर्मचारी तो बैठे थे लेकिन ब्लैक बोर्ड मेंटेन नहीं था। जबकि, मुख्यालय का यह सख्त निर्देश कि ही लाइन ट्रिपिंग, शटडाउन सहित कई जानकारियों रजिस्टर के साथ-साथ ब्लैक बोर्ड पर लिखनी है। ताकि, जिस भी कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गयी है पूरे दिन का लेखाजोखा उसके सामने रहे।

कर्मचारी मिले गायब

वहीं 33 केवी सब स्टेशन पर कोई कर्मचारी नहीं मिला। अलग-बगल जानकारी करने पर पता चला कि कर्मचारी कही बाहर गये हुए हैं। लाइनों पर चढ़े बेल को हटाने का काम कर रहे हैं। जबकि, सब स्टेशन में कम से कम एक कर्मचारी होना जरूरी होता है। ताकि कही तार टूटने या फिर कोई इमरजेंसी आ जाए तो शटडाउन लिया जा सके।

विंडो मिला बंद

इसके बाद हम कुतुबखाना सब स्टेशन पहुंचे। यहां पर जेई जगदीश 4-5 कर्मचारियों के साथ गप्पे लड़ाते हुए मिले। फिर हम दोपहर 1.52 पर चौपुला स्थित बिलिंग कलेक्शन सेंटर पर पहुंचे। जहां पर एक विंडो खुला था, लेकिन कर्मचारी सामने नहीं बैठे थे। जबकि, दूसरा विंडो बंद मिला। जहां पर एक व्यक्ति सोया हुआ था।

पब्लिक होती है परेशान

कर्मचारियों के फोन रिसीव और काउंटर्स पर नहीं होने से पब्लिक को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बिजली फॉल्ट होने या फिर अन्य कोई काम होने पर लोगों को इधर-उधर भटकना पड़ता है। कर्मचारियों के इसी बिहैवियर पर कई बार पब्लिक हंगामा और बवाल भी कर चुकी है।

लोड से कम का ट्रांसफॉर्मर

बसुधरन जागीर के लोग भी बिजली विभाग की इन्हीं हरकतों से परेशान हैं। क्षेत्र में देवरनियां बिजली घर से बिजली की सप्लाई होती है। गांव में 240 बिजली कनेक्शन धारक हैं। लेकिन विभाग की ओर से मात्र एक 100 केवीए का ट्रांसफॉर्मर लगाया गया है। जो कि आए दिन ओवरलोड के चलते फुंक जाता है। पिछले 2 महीने में ही 4 ट्रांसफॉर्मर फुंक चुका है। शिकायत करने के बाद भी अधिकारी ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ाने की जहमत नहीं उठा रहे हैं।

पिछले कुछ दिन से दिन-रात बिजली कटौती हो रही है। फोन करने पर कर्मचारियों के फोन रिसीव नहीं होते हैं।

आमोद

कर्मचारियों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। तभी भरपूर बिजली सप्लाई की योजना सफल हो सकती है।

सूरज