नामांकन पखवाड़ा और छात्र अनुपस्थिति को कारण गिना रहे टीचर्स

<नामांकन पखवाड़ा और छात्र अनुपस्थिति को कारण गिना रहे टीचर्स

BAREILLY:

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प्राइमरी व जूनियर के स्टूडेंट क्वार्टर्ली एग्जाम को लेकर स्टूडेंट्स बड़ी मुश्किल में फंस गए हैं, क्योंकि एग्जाम जिन सवालों के क्वेश्चन पूछे जाएंगे, वह सिलेबस उन्हें पढ़ाया ही नहीं गया है। ऐसे में, वह कैसे एग्जाम देंगे, एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।

अप्रैल से शुरू है सेशन

राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत प्राइमरी व मिडिल का एजुकेशन सेशन इस साल अप्रैल से शुरू हुआ। एक्ट में क्वार्टर्ली एग्जाम का प्रावधान है। अप्रैल में स्कूल तो खुले, लेकिन बच्चे ही नहीं आए। लिहाजा, क्लासेज नहीं चल पाई। इसी के साथ ही ख्0 मई के बाद समर वेकेशन की छुट्टियां हो गई। जुलाई से स्कूल खुले भी तो नामांकन पखवाड़ा शुरू हो गया। टीचर्स घर-घर जाकर बच्चों और अभिभावकों को एडमिशन के लिए प्रेरित करने में लगे थे। ऐसे में, सिलेबस पढ़ाया नहीं जा सका।

जुलाई लास्ट वीक में एग्जाम

जुलाई लास्ट वीक से अगस्त फ‌र्स्ट वीक तक क्वार्टर्ली एग्जाम होने हैं। शासन ने इस संबंध में बीएसए को निर्देशित कर दिया है कि वह अपने स्तर से एग्जाम की डेट डिसाइड कर लें। ऐसे में, इस बीच किसी भी डेट से एग्जाम होना तय माना जा रहा है। एग्जाम की जानकारी होने से स्टूडेंट्स भी घबराए हुए हैं, उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर वह बिना पढ़े एग्जाम में क्या लिखेंगे।

मैं क् जुलाई से स्कूल आ रहा हूं, सर ने बताया कि कुछ दिन बाद हमारा टेस्ट होगा। लेकिन अभी तो हमने सिर्फ एक दो पाठ ही पढ़े हैं।

- प्रशांत, स्टूडेंट, क्लास-भ्

हम तो रोज स्कूल आते हैं, लेकिन दूसरे बच्चे नहीं आ रहे, इसलिए सर जी ने अभी अगला पाठ नहीं पढ़ाया है। टेस्ट कैसे देंगे।

- शशि, स्टूडेंट, क्लास -8

मेरी जानकारी में अभी अधूरे सिलेबस जैसी कोई बात नहीं आयी है। परीक्षा कराने के लिए निश्चित सिलेबस पूरा कराना टीचर का दायित्व है।

- देवेंद्र स्वरूप, बीएसए