- अपने दम पर सपा, बसपा और भाजपा का जीतना मुश्किल

- आयोग के नियम को तोड़ सदस्य खरीदने में जुटे उम्मीदवार

BAREILLY:

जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए प्रपत्र की बिक्री शुरू हो गयी है और इसी के साथ ही उम्मीदवारों की नजरें अन्य पार्टी के सदस्यों पर टिकी हैं। उम्मीदवार सदस्यों को अपने खेमे में लाने के लिए हर हथकंडा अपना रहे हैं। जिन पार्टियों के उम्मीदवार मैदान में नहीं हैं। उनके लिए ज्यादा जद्दोजहद चल रही है। हो भी क्यों नहीं, ऐसे सदस्य जिस खेमे में चले जाएंगे। उनका जिला पंचायत अध्यक्ष बनना तय है।

निगाहें कांग्रेस, महानदल पर

सात जनवरी को होने वाले जिला पंचायत चुनाव में 31 सदस्यों को अपने खेमे में जुटाने वाले उम्मीवारों की जीत पक्की होगी, लेकिन 31 सदस्य आएंगे कैसे यह पार्टी और उम्मीवारों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। सपा, बसपा और भाजपा के खेमे में इतने सदस्य नहीं हैं कि कोई अपने दम पर जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव जीत सके। सबके पल्ले में 22 से कम सदस्य हैं। ऐसे में सबकी निगाहें कांग्रेस, और महान दल समर्थित सदस्यों के अलावा निर्दलीय सदस्यों पर टिकी हैं।

बढ़ा दिए हैं सदस्यों ने भाव !

सवाल यह नहीं है कि इन सदस्यों को खरीदने के लिए कौन आगे हैं। बात सदस्यों को उचित दाम देकर अपने खेमे में शामिल करने की है। क्योंकि, सदस्यों ने मौके की नजाकत को भांप कर अपने भाव भी बढ़ा दिए हैं। कोई लग्जरी कार की डिमांड कर रहा है तो, कोई टूर पैकेज के साथ लाखों रुपए की मांग पार्टी और चुनाव लड़ रहे सदस्यों के सामने कर रहा है।

योग के नियमों का क्या

चुनाव में उम्मीदवार आयोग के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। सदस्यों को खरीदने और उन्हें टूर पर भेजने पर 8-10 लाख रुपए खर्च करने में भी कोताही नहीं कर रहे हैं। सदस्यों को लुभाने के लिए खाने -पीने की पार्टी भी दी जा रही है, लेकिन उम्मीदवारों को आयोग के आदेश का होश नहीं है। आयोग ने यह साफ निर्देश जारी किए हैं कि कोई भी जिला पंचायत अध्यक्ष पद का उम्मीदवार चुनाव को लेकर चार लाख रुपए से अधिक खर्च नहीं कर सकता है, लेकिन आयोग के नियमों को दर किनार कर उम्मीदवार चुनाव में जीत के लिए कोई भी मौका चूकना नहीं चाहते हैं।

क्या सोच रही है बसपा

सपा और भाजपा ने जहां अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर चुनाव की तैयारियों में जुट गयी हैं। वहीं बसपा अभी तक अपने उम्मीदवार के नाम तक फाइनल नहीं कर सकी है। दो पार्टियों के सामने किस उम्मीदवार को उतारा जाए पार्टी अभी तक इस उलझन में है। बसपा के जिला अध्यक्ष राजेश सागर के बयान भी काफी संशय वाला है। राजेश सागर का यह कहना है कि पार्टी का जो सदस्य नामांकन प्रपत्र खरीद लेगा। पार्टी की ओर से वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष पद का दावेदार होगा।