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- हजियापुर डलावघर में यूनानी आयुर्वेदिक कॉलेज नहीं बनने के बाद लिया निर्णय

- फिजिबिलिटी चेक करने के बाद शासन को स्वीकृति के लिए भेज दी गई है रिपोर्ट

BAREILLY:

नगर निगम सीमा के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास के लिए जमीन चिह्नित कर ली गई है। शहर में हजियापुर की जमीन पर यह आवास बनाने का निर्णय ले लिया गया है। शासन से स्वीकृति मिलते ही यहां मलिन बस्तियों के निवासियों को आवास देने की तैयारी शुरू हो जाएगी।

बोर्ड ने दी थी सलाह

हजियापुर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने की सलाह पूर्व में हुई बोर्ड मीटिंग में की गई थी। नगर आयुक्त ने सभी पार्षदों से आवास बनाने के लिए जमीन सुझाने का विकल्प रखा था, जिसमें सबने हजियापुर में जमीन बनाने की संस्तुति की थी। वजह बताई थी कि यहां पिछले वर्षो में डलावघर हटाने के निर्देश के बाद इसे यूनानी आयुर्वेदिक कॉलेज बनाने का विकल्प रखा गया था, जिसका बजट जारी नहीं होने पर वर्तमान में यह जमीन खाली है और रिहायशी इलाके में तब्दील की जा सकती है।

डलावघर से मिलेगी निजात

शाहदाना के पास स्थिति हजियापुर डलावघर आज भी डलावघर ही है। कोई निर्माण कार्य न होने से यहां स्थानीय निवासी समेत सफाईकर्मी कूड़ा फेंकते हैं, जिससे यहां के निवासियों का जीना दूभर है। हजियापुर में हैजा, दमा समेत कई बीमारियों के हावी होने की शिकायत पर यहां से डलावघर खत्म किया गया था। वर्षो से कायाकल्प की राह देख रहे हजियापुर के दिन अब बहुरने वाले हैं। यदि सब कुछ ठीक रहा तो यहां एक अपार्टमेंट बनने से स्थानीय निवासियों को काफी राहत मिलने के आसार हैं।

40 हजार आवास की जरूरत

नगर निगम और बीडीए के डाटा के मुताबिक शहर सीमा में करीब 197 अवैध कॉलोनियां और 94 मलिन बस्तियां हैं। इसमें मलिन बस्तियों में रहने वाले अनुमानित 40 हजार परिवारों को आवास की जरूरत है, जिसमें एक निश्चित क्षेत्र में आवास बनाने के लिए जगह और आवास बनाने में बजट का अभाव है। हालांकि, इसमें प्रधानमंत्री आवास के जरिए करीब 2 हजार लोगों को आवास मिलेंगे। योजना के तहत आवेदन करने वालों की ओर से दिए गए डॉक्यूमेंट्स के आधार पर आवेदकों की फिजिबिलिटी चेक की जा रही है।

एक नजर में

पीएमएवाई शहरी

- 4 हजार आवेदन डूडा में हुए

- 18 सौ के आवेदन हुए निरस्त

- 1 हजार का हो चुका है सर्वे

- 30 अगस्त तक चलेगा सर्वे

- 1 अक्टूबर से मिलेगी सब्सिडी

हजियापुर में आवास बनाने के लिए बोर्ड मेंबर्स ने संस्तुति की थी। कार्यकारिणी से पास होने के बाद इसे शासन को भेज दिया गया है।

राजेश कुमार श्रीवास्तव, नगर आयुक्त