-जब हर आदमी को लगे उसकी है सरकार तब आएगा रामराज्य

BAREILLY: आईवीआरआई में राजर्षि टंडन ओपन यूनिवर्सिटी की तरफ से सुशासन पर नेशनल सेमिनार आयोजित किया गया तो राज्यपाल, संविधान विशेषज्ञों समेत तमाम हस्तियों ने अपने विचार साझा किए। सुशासन की परिभाषा व उसके स्वरूप से रूबरू कराया। सेमिनार में सभी ने एक ही बात पर बल दिया कि लोकतंत्र में आम आदमी मालिक होता है। जबकि वर्तमान में आम आदमी प्रजा बन गई है। शासक बदलते आए हैं।

गांधी की संकल्पना ही रामराज है

नेशनल सेमिनार में चीफ गेस्ट के रूप में उपस्थित रहे। प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि सुशासन तभी आएगा जब रामराज आएगा। यहां पर रामराज किसी धर्म से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। बल्कि सही मायने में गांधी जी जिस रामराज की बात करते थे। वही सुशासन है। उन्होंने कहा कि जब हर आम आदमी को लगे कि उसकी सरकार है तभी लगेगा कि सुशासन आ गया है। उन्होंने सुशासन के तीन मंत्र भी दिए। परफेक्ट प्लानिंग, सही ढंग से क्रियान्वयन और एनक्रेजमेंट से ही सुशासन धीरे-धीरे कायम होगा।

सरकार के सामने चुनौती

संविधान विशेषज्ञ डॉ। सुभाष कश्यप गुड गवर्नेस की अवधारणा यूएनडीपी और व‌र्ल्ड बैंक की सहायता से रिसर्चर्स से विकसित हुई। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के सामने आम आदमी की कसौटी पर खरा उतरने की बहुत बड़ी चुनौती है। उनहें अब सफल होने के सिवाय और कोई विकल्प नहीं। सरकार परिवर्तन और विकास के वादों पर आई है। उसे सफल होना ही पड़ेगा नहीं तो देश के साथ आम आदमी के लिए भी यह दुर्भाग्य की बात होगी।

साफ नीयत से आएगा सुशासन

केरल और कर्नाटक के राज्यपाल रहे और देश के पूर्व सीएजी टीएन चतुर्वेदी ने कहा कि सुशासन तभी कायम होगा जब आपकी नीयत साफ होगी और नैतिकता के आधार पर काम करेंगे। यह सभी नेताओं और आम आदमी के लिए जरूरी है। सुशासन चाहते हैं तो इसमें हर किसी को अपनी भागदारी देनी होगी। सुशासन में शिक्षा का बहुत महत्व है। बदलाव उसी से आएगा। इस अवसर पर राजर्षि टंडन के वीसी प्रो। एमपी दुबे ने सुशासन पर आयोजित होने वाले सेमिनार की मंशा पर प्रकाश डाला।