आई नेक्स्ट के पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट कैंप में 370 से ज्यादा लोग जुटे

20 से 35 साल के एजग्रुप में कमजोर लंग्स की शिकायत ज्यादा

स्मोकिंग और टोबैको दे रहा फेफड़े व मुंह के कैंसर का खतरा

BAREILLY: नई उम्र का जोश और नशे की लत बरेली के युवाओं पर भारी पड़ रही है। धुएं का कश और मुंह में तंबाकू का शौक इन युवाओं का दम फुला रहा है। यह सच सैटरडे को आई नेक्स्ट की मुहिम में इन युवाओं के सामने आया। 31 मई को व‌र्ल्ड नो टोबैको डे के मौके पर आई नेक्स्ट की ओर से पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट कैंप का आयोजन किया गया। शहर के 5 एरियाज में हुए इस मोबाइल चेकअप कैंप में 370 से ज्यादा लोगों ने अपने लंग्स का दम जांचा, जिनमें युवाओं की तादाद ज्यादा रही। इस कैंप के बाद ही खुद को फिट और सेहतमंद समझने की कई युवाओं की गलतफहमी दूर हुई। चेकअप कैंप में 40 फीसदी ही लंग्स टेस्ट में पास हुए। कैंप में केशलता हॉस्पिटल की मेडिकल टीम और एक्सप‌र्ट्स ने जांच की।

54 फीसदी को खतरा

शहर भर में हुए पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट कैंप में अपने फेफड़ों का दम परखने आए लोगों में 80 फीसदी की उम्र 20-35 साल रही। टेस्ट में 54 फीसदी बमुश्किल टेस्ट पास कर सके। इनमें कमजोर लंग्स के शुरुआती सिम्पटम्स दिखे, जिन्हें सांस की तकलीफ या दिक्क्त का खतरा दिखा। वहीं 6 फीसदी की हालत बेहद खराब रही। इनमें अस्थमेटिक होने के आसार दिखे, जिन्हें डॉक्टर्स से सलाह लेकर तुरंत इलाज लेने की जरूरत थी।

स्मोकिंग-तंबाकू दिखी वजह

पल्मोनरी चेकअप कैंप में पूर तरह पास न होने वाले युवाओं की वजह स्मोकिंग और तंबाकू का सेवन करना रहा। कैंप में शामिल हुए युवाओं में से ज्यादातर ने स्मोकिंग और गुटखा खाने की बात कबूली। स्टाइल की वजह से स्मोकिंग की लत के शिकार बने युवाओं को इससे होने वाली बीमारियों खासकर लंग्स कैंसर, माउथ व थ्रोट कैंसर की जानकारी तो थी पर वे गंभीर नहीं रहे। कैंप में फ्री चेकअप में उम्र के मुताबिक फेफड़ों में मजबूती न होने पर युवा चेते। उन्होंने जल्द ही स्मोकिंग छोड़ने की बात कही।

हर 10 सेकेंड में मौत

दुनिया में करीब 112 करोड़ लोग स्मोकिंग की लत के शिकार हैं। वहीं भारत में करीब 12 करोड़ लोग इस शौक से बीमार बन रहे हैं। रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज में हुए अवेयरनेस प्रोग्राम में शामिल चीफ गेस्ट राजीव मल्होत्रा, एसपी सिटी ने यह जानकारी दी। इस अवेयरनेस प्रोग्राम में आए एक्सप‌र्ट्स ने बताया कि दुनिया में हर 10 सेकेंड में स्मोकिंग या तंबाकू सेवन से एक मौत होती है। साल भर का यह आंकड़ा दुनिया में एक करोड़ और भारत में 10 लाख मौतों का है। एक्सप‌र्ट्स ने स्मोकिंग व तंबाकू से दूर रहने की सलाह दी।

स्मोक फ्री करें सभी विभाग

वहीं व‌र्ल्ड नो टोबैको डे पर डीएम व अध्यक्ष तंबाकू नियंत्रण समिति अभिषेक प्रकाश ने सभी डिपार्टमेंट, स्कूल-कॉलेज व अन्य पब्लिक प्लेसेस को 30 दिन में स्मोक फ्री जोन बनाने के सख्त निर्देश दिए हैं। सभी डिपार्टमेंट को 30 दिन बाद इसकी रिपोर्ट भी देने के लिए कहा। इसके अलावा डीएम एक्ट के तहत इसका पालन ना करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का भी आदेश ि1दया है।

लंग्स में दिक्कत के सिम्पटम्स

सांस की नली में सिकुड़न

चलने फिरने में थकान होना

थोड़ी-थोड़ी देर में खांसी आना

कफ का लगातार बने रहना

स्टेमिना में कमी महसूस होना

Things to be known

-सिगरेट के धुएं में करीब ब्000 खतरनाक केमिकल्स होते हैं, जिनमें से ब्0 कैंसर की वजह हैं।

-स्मोकिंग के साथ शराब पीने से कैंसर का खतरा ब्भ् फीसदी बढ़ जाता है।

-तंबाकू से क्ब् तरह के कैंसर का डर है। 90 फीसदी मुंह व गले का कैंसर तंबाकू से होता है।

-स्मोकिंग हार्ट अटैक पड़ने की बड़ी वजहों में से एक है।

-स्मोकिंग के कॉन्टैक्ट में रहने वाली महिलाओं को बच्चेदानी व पित्त की थैली में कैंसर का खतरा।

टेस्ट में सांस लेने में दिक्कत हुई। मालूम हुआ कि लंग्स कमजोर हैं। पहली बार ऐसा टेस्ट कराया। अब सेहत पर ध्यान दूंगा।

- शिवम अरोड़ा

जांच में एवरेज रिपोर्ट आई है। लंग्स पूरी तरह मजबूत नहीं हैं। पहली बार लंग्स का चेकअप कराने का मौका मिला।

- मोहित शर्मा

लंग्स के लिए पहली बार जांच करवाई है। यह अच्छी पहल है अवेयरनेस की। यूथ में सेहत की ओर इंट्रेस्ट बढ़ेगा और स्मोकिंग से दूर रहेंगे।

- अमान चिश्ती

कैंसर का एक ही कारण है तंबाकू। जो तंबाकू या स्मोकिंग नहीं करते हैं उन्हें भी इससे खतरा है। इससे फेफड़ों का फंक्शन कमजोर हो जाता है। खून की नसें बंद हो जाती है जिससे ब्लड सर्कुलेशन कमजोर हो जाता है। मुंह में सफेद दाग, कम खुलना और लगातार खांसी होने पर डॉक्टर्स को दिखाएं

- डॉ। आरके चित्तलांगियां, केशलता हॉस्पिटल