बरेली: युवती का आरोप है कि वह कुशाग्र सागर के घर वर्ष 2012 से 2014 तक घरेलू काम करती थी। इसी दौरान कुशाग्र सागर ने उसके साथ कई बार रेप किया। उसका कई बार गर्भपात भी कराया और पुलिस में शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी भी दी। उसने 15 जुलाई 2014 को एसएसपी ऑफिस में इसकी शिकायत की थी। जिसके बाद विधायक ने कहा कि घर पर जाकर उससे शादी कर लेगा। उसके बाद विधायक के पिता ने कहा कि वह अभी नाबालिग है, जब वह बालिग हो जाएगी तो वह बेटे के साथ शादी करा देगा, लेकिन अब विधायक की जुलाई में दूसरी जगह शादी हो रही है। अब वह किसी को मुंह दिखाने के लायक नहीं रही। उसके साथ धोखा हुआ है। उससे कोई शादी नहीं करेगा। यदि उसे न्याय नहीं मिला तो वह सुसाइड कर लेगी।

लिखित समझौता हुआ था

युवती ने प्रार्थना पत्र में लिखा है कि वर्ष 2014 में शिकायत के बाद लिखित शिकायत भी हुई थी, जिसमें उससे शादी का वायदा किया गया था और लिखित समझौता हुआ था। इसमे शपथ पत्र भी दिलवाया गया था। उसके बाद वह खामोश बैठ गई थी, लेकिन उसके बाद भी उसके साथ कुशाग्र ने रेप किया। 4 अप्रैल 2018 को भी उसके साथ रेप किया और विरोध करने पर मारपीट की। यही नहीं पूरे परिवार की हत्या की धमकी दी है।

पिता ने आरोपों को किया खारिज

इस मामले में आरोपी विधायक के पिता योगेंद्र सागर सामने आए। उनका कहना है कि युवती के आरोप बेबुनियाद हैं। वह उनके बेटे व उन्हें बदनाम करना चाहती है। उसने पहले भी आरोप लगाए थे, जिसके बाद फैसला हुआ था, लेकिन शादी करने की कोई बात नहीं हुई थी। उन्होंने फैसलानामा दिया, जिसमें लिखा है कि दोनों पक्षों की आपस में गलतफहमी हो गई थी और अब समझौता कर रहे हैं। वहीं शपथ पत्र में लिखा है कि शिकायत गलतफहमी में की गई थी। अब वह कभी भी इस तरह की शिकायत नहीं करेगी और न ही कोई आरोप लगाएगी।

सबसे युवा विधायक

26 वर्षीय कुशाग्र सागर 2017 में जीतने वाले उत्तर प्रदेश के सबसे युवा विधायक हैं। उन्होंने वर्ष 2011 में नेशनल ओपन स्कूल से 12 वीं पास की। उन्होंने मोदी लहर में सपा के आशुतोष मौर्य उर्फ राजू को 10,688 वोटों से मात दी थी। उनके पिता योगेंद्र सागर भी बिल्सी सीट से 2007 में बसपा के टिकट पर विधायक बने थे। वह भी बहुचर्चित ज्योति अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म कांड में आरोपी हैं। इस मामले जिला न्यायालय दो आरोपियों को तेजेंद्र सागर और मीनू शर्मा को उम्रकैद की सजा सुना चुका है।

ऐसे जुड़े बीजेपी से

2011 में योगेंद्र सागर को बसपा से निलंबित कर दिया गया। 2012 में उनकी पत्नी इसी सीट से चुनाव लड़ीं। 2014 में उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बसपा से निष्कासित कर दिया गया। 2017 में योगेंद्र सागर ने बसपा से अपने बेटे कुशाग्र के लिए टिकट मांगा, लेकिन इनकार कर दिया गया। इस पर योगेंद्र सागर बेटे कुशाग्र के लिए भाजपा का टिकट ले आए और जीत भी गए।

युवती ने प्रार्थना पत्र दिया है। सीओ थर्ड को जांच दी गई है। जांच के बाद मामले में कार्रवाई की जाएगी।

कलानिधि नैथानी, एसएसपी