- विस चुनाव को लेकर दिया जा रहा नया रंग

- 15 जुलाई से नया राशन कार्ड बांटने की तैयारी

BAREILLY:

नए राशन कार्ड पर समाजवाद का रंग देखने को मिल सकता है। विस चुनाव नजदीक है। और यूपी सरकार कोई भी मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहती है। अंदर खाने से जो बात छन कर बाहर आ रही है उस पर यकीन करें, तो राशन कार्ड का रंग समाजवाद के रंग का ही होगा। यही नहीं कार्ड पर सूबे के मुखिया का फोटो भी होगा। ऐसे में, राशन कार्ड पर समाजवादी रंग विपक्षी पार्टियों का कितना रास आएगी यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। फिलहाल, राशन कार्ड बांटने की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है।

मुखिया का होगा फोटो भी

कम्प्यूटराइज्ड नए राशन कार्ड पर सूबे के मुखिया अखिलेश यादव का फोटो होगा। जैसे की उनकी फोटो लैपटाप और बाकी योजनाओं में है। चूंकि, विस चुनाव 2017 में है इस लिए विपक्षी पर्टियों को इस बात की भनक न लगे इसलिए सारी तैयारियां गुपचुप तरीके से की जा रही हैं। शासन मे डर से विभागीय अधिकारी भी कुछ कहने से बच रहे हैं।

सूबे में एक साथ बांटने की तैयारी

समाजवाद रंग के राशन कार्ड को पूरे प्रदेश में एक साथ बांटने की तैयारी है। ताकि, विपक्षी पार्टियां हो-हल्ला भी मचाए तो भी विरोध का कोई खास असर पार्टी पर न पड़े। बरेली सहित पूरे प्रदेश के राशन कार्ड एक ही जगह प्रिंट होंगे। राशन कार्ड को पब्लिक करने की जिम्मेदारी यूपी राज्य कर्मचारी कल्याण निगम लखनऊ को सौंपी गयी है। बरेली से करीब 40 फीसदी कार्ड पब्लिश होने के लिए लखनऊ गए हैं।

15 जुलाई से कार्ड बांटने की योजना

सरकार की योजना 15 जुलाई से राशन कार्ड बांटने की है। बरेली में सबसे पहले मीरगंज और आंवला क्षेत्र में राशन कार्ड बांटने का काम होगा। इसके बाद बाकी जगहों पर कांर्ड बंटेंगे।

तो उठाना पड़ सकता है नुकसान

वर्तमान सरकार भले की चुनाव को देखते हुए अपनी गोटी सेट करने में लगी हुई है। लेकिन, समाजवाद कलर और सूबे के मुखिया का फोटो छपने के बाद पब्लिक को नुकसान हो सकता है। क्योंकि, विस चुनाव नजदीक है। ऐसे में भाजपा, बसपा और कांग्रेस यह नहीं चाहेगी कि किसी एक पार्टी के कलर का राशन कार्ड छपे। आगामी चुनाव के बाद यदि सपा की जगह कोई और पार्टी अपनी सरकार बनाती है, तो राशन कार्ड का बदलना तय है। जैसे बाकी योजनाओं के नाम बदल दिए गए है। कार्ड बदलने के स्थिति में पब्लिक को प्रति कार्ड 20 रुपए का नुकसान होगा। जिले की बात करें तो नई सरकार बनने पर पब्लिक के 9 लाख राशन कार्ड के हिसाब से एक करोड़ 80 लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ सकता है।