-लॉस्ट ईयर जनवरी से जुलाई तक हुई थीं सिर्फ 194 मौत, इस बार आंकड़ा पहुंचा 294
-वर्ष 2016 में एक्सीडेंट की संख्या और घायलों की संख्या में भी हुआ इजाफा
BAREILLY: लॉस्ट ईयर के सापेक्ष वर्ष 2016 में एक्सीडेंट में डेथ की संख्या में 100 एक्स्ट्रा डेथ का इजाफा हुआ है। बरेली ट्रैफिक पुलिस के आंकड़े कुछ यही हकीकत बयां कर रहे हैं। वर्ष 2015 में जहां 31 जुलाई तक एक्सीडेंट में सिर्फ 194 मौत हुई थीं वहीं इस साल इतने ही समय में 294 लोगों की मौत हो चुकी हैं। इस तरह डेली एक मौत हादसे में हो रही है। यहीं नहीं एक्सीडेंट की संख्या और घायलों की संख्या में भी पिछले सालों की अपेक्षा इस बार की संख्या में इजाफा हुआ है।
हाइवे पर स्पीड मौत का कारण
एक्सीडेंट में मौतों का आंकड़ा बढ़ने की कई वजह हैं। बरेली में बड़ा बाईपास बन गया है। जिस पर एक्सीडेंट और मौतों की संख्या बढ़ी है। क्योंकि लोग हाइवे पर तेज स्पीड में वाहन दौड़ा रहे हैं। नैनीताल हाइवे, दिल्ली हाइवे, बदायूं हाइवे और बीसलपुर रोड बनने के बाद भी इन पर वाहनों की स्पीड तेज हुई है। इसके अलावा इन हाइवे पर बने कट पर लोगों के रॉन्ग साइड से निकलने से भी एक्सीडेंट हो रहे हैं। बरेली की शाहजहांपुर और पीलीभीत भी रोड जर्जर है जो भी एक्सीडेंट का कारण बन रही है।
लापरवाही से होते हैं हादसे
दूसरी और एक्सीडेंट कहीं न कहीं ड्राइवरों की लापरवाही से हो रहे हैं। चाहें वह किसी भी गाड़ी का ड्राइवर है। इसके अलावा खुद की सेफ्टी कर वाहन न चलाने भी मौत का कारण बन रहा है। सख्त नियम होने और पुलिस के चेकिंग अभियान के बावजूद भी लोग न तो हेलमेट पहनकर चलते हैं और न ही सीट बेल्ट लगाकर चलते हैं। इसके अलावा शराब भी पीकर चलते हैं। जो भी एक्सीडेंट का कारण बनते हैं और ऐसे में मौत भी हो जाती है।
पब्लिक भी नहीं करती मदद
दिल्ली में सड़क किनारे पड़े रहने से युवक की मौत का मामला तूल पकड़े हुए है। इसी तरह से बरेली में भी लोग एक्सीडेंट के बाद जल्दी मदद के लिए नहीं आते हैं। देर से हॉस्पिटल पहुंचने और इलाज मिलने से भी घायलों की मौत हो जाती है। जबकि सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश है कि एक्सीडेंट में घायल की मदद करने वाले को पुलिस परेशान नहीं करेगी। इसके बावजूद भी लोग मदद को आगे नहीं आते हैं।
वर्ष एक्सीडेंट डेथ इंजर्ड
2016 609 294 471
2015 517 194 323
2014 505 217 306
नोट-आंकड़े 1 जनवरी से 31 जुलाई तक