-घटनास्थल पर ही देनी होगी एक्सीडेंट की डिटेल, रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे मिनिस्ट्री ने जारी के निर्देश

-आईआईटियंस व अधिकारियों की कमेटी ने तैयार किया नया प्रोफार्मा, आईआईटी कानपुर में वर्कशॉप में दी गई ट्रेनिंग

<-घटनास्थल पर ही देनी होगी एक्सीडेंट की डिटेल, रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे मिनिस्ट्री ने जारी के निर्देश

-आईआईटियंस व अधिकारियों की कमेटी ने तैयार किया नया प्रोफार्मा, आईआईटी कानपुर में वर्कशॉप में दी गई ट्रेनिंग

BAREILLY: BAREILLY: एक्सीडेंट में व्हीकल बदल देना, व्हीकल में दूसरे ड्राइवर को पेश कर देना व एक्सीडेंट के तरीके को बदल देने जैसे खेल करना अब पुलिस के लिए आसान नहीं होगा। एक्सीडेंट के झूठे आंकड़ों पर रोक लगाकर सही आंकड़े तैयार करने और रोड सेफ्टी व एक्सीडेंट में कमी लाने के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट की रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे मिनिस्ट्री ने पूरी तैयारी कर ली है। रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री, आईआईटी खड़गपुर, आईटी दिल्ली, स्टेट्स के पुलिस व ट्रांसपोर्ट अधिकारी, हेल्थ एवं वेलेफेयर मिनिस्ट्री, और डब्ल्यूएचओ की ज्वाइंट कमेटी ने एक्सीडेंट के रिकॉर्ड के प्रोफार्मा में बदलाव किए हैं। इनमें भ् प्वाइंट मेन हैं, जिससे कहा जा सकता है कि एक्सीडेंट का मौके पर पंचनामा हो जाएगा। ट्यूजडे आईआईटी कानपुर में इस संबंध में जोनल वर्कशॉप का आयोजन किया गया, जिसमें बरेली से टीआई जेएस अस्थाना ने हिस्सा लिया।

एफआईआर में खेल पर लगेगी रोक

पिछले दिनों गाजियाबाद में ऑडी कार से ऑटो में टक्कर से ब् लोगों की मौत हो गई थी। इसमें डॉक्टर मौके से फरार हो गया था, जिसके बाद डॉक्टर ने बरेली के फर्जी ड्राइवर को कोर्ट में पेश कर उसकी जमानत करा ली थी। सलमान खान के हिट एंड रन केस में भी ऐसा हुआ था, जिसमें ड्राइव कौन कर रहा था, इस पर मामला कोर्ट में चल रहा है। इसी तरह से अधिकांश एक्सीडेंट में खेल किया जाता है ओर रसूखदार लोग दूसरे ड्राइवर को पेश कर बच जाते हैं। यही नहीं एक्सीडेंट का नेशनल डाटा तैयार किया जाता है, जिसे सिर्फ एफआईआर के आधार पर बनाया जाता है। एफआईआर में अधिकांश बातें झूठ लिखी होती हैं और एक्सीडेंट की पूरी डिटेल भी नहीं लिखी होती है। इसके चलते एक्सीडेंट का सही डाटा तैयार नहीं हो पाता है।

कई फॉरमेट किए गए हैं तैयार

रोड एक्सीडेंट के सही आंकड़ों के लिए एक्सीडेंट की डिटेल के लिए कई फॉरमेट तैयार किए गए हैं। इसमें वीडियो रिकॉर्डिग फॉरमेट मेन है। इस फारमेट के तहत एक्सीडेंट होने पर पुलिसकर्मी को मौके पर एक्सीडेंट का सही डाटा तैयार करना होगा। इससे मौके पर कौन सा व्हीकल था, क्या व्हीकल ओवर स्पीड था, क्या व्हीकल ओवरलोडेड था, एक्सीडेंट कैसे और किस साइड से हुआ, क्या वहां पर सड़क खराब थी, एक्सीडेंट का क्या कारण था, ड्राइवर की क्या गलती थी, व अन्य डिटेल भरनी होंगी। इससे थाना स्तर पर भी डिटेल सही से रिकार्ड की जा सकेगी। इसके अलावा रिपोर्टिग फॉरमेट को भी चेंज किया गया है। इसके तहत सालाना डाटा तैयार किया जाएगा।

ऐसे तैयार होगी एक्सीडेंट की डिटेल

-एक्सीडेंट आईडेंटीफिकेशन डिटेल

-रोड रिलेटेड डिटेल्स

-व्हीकल इनवॉल्वड इन एक्सीडेंट

-ड्राइवर्स डिटेल

-पर्सन अदर दैन ड्राइवर इनवॉल्व इन एक्सीडेंट

एक्सीडेंट का सही आंकड़ा तैयार कर रोड सेफ्टी के इंतजाम करने के लिए नया फॉरमेट तैयार किया गया है। ट्यूजडे को आईआईटी कानपुर में वर्कशॉप का आयोजन हुआ है।

ओपी यादव, एसपी ट्रैिफक बरेली

वर्कशॉप में एक्सीडेंट के डाटा की फीडिंग को लेकर जानकारी दी गई है, जिसमें मौके पर ही डिटेल भरने की जानकारी दी गई है।

जेएस अस्थाना, टीआई बरेली