जहरखुरानी के शिकार लोगों से होता है बेरहम बर्ताव

पुलिस भी सिर्फ कागजी कार्रवाई कर करती है खानापूर्ति

<जहरखुरानी के शिकार लोगों से होता है बेरहम बर्ताव

पुलिस भी सिर्फ कागजी कार्रवाई कर करती है खानापूर्ति

BAREILLY: BAREILLY: यदि आपका कोई अपना रोडवेज बस में अकेला सफर कर रहा है तो यह सोचकर निश्चिंत न हों कि रोडवेज से यात्रा मंगलमय हो जाएगी। हो सकता है कि घर पहुंचने से पहले आपका अपना सड़क किनारे पड़ा हो या या फिर हॉस्पिटल में एडमिट मिले, जिस रोडवेज डिपार्टमेंट और पुलिस के भरोसे आप निश्चिंत हो जाते हैं वही उन्हें कहीं न कहीं इस हालात तक पहुंचाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। क्योंकि यदि रोडवेज आपका कोई अपना जहरखुरानी का शिकार हो गया तो रोडवेजकर्मी बेरहमी से उसे सड़क किनारे फेंक कर चले जाएंगे और पुलिस सिर्फ जीडी में एंट्री कर खानापूर्ति कर लेगी। पुलिस शख्स की पहचान की भी कोशिश भी नहीं करती है।

डेली कोई न कोई होता है शिकार

रोडवेज बस में आए दिन जहरखुरानी की वारदातें सामने आती हैं। पिछले एक सप्ताह का रिकार्ड देखें तो डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में म् लोगों को जहरखुरानी का शिकार होने पर एडमिट कराया गया। इसके अलावा एक शख्स को सेटेलाइट से ही परिजन घर लेकर चले गए। इससे साफ है कि रोजाना एक शख्स बरेली में जहरखुरानी का शिकार होता है। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एक मेमो काटा जाता है और कुछ ट्रीटमेंट देकर बेड पर लिटा दिया जाता है। उसके बाद शख्स कहीं भी जाए किसी को कोई लेना देना नहीं हाेता है।

जिंदगी लग जाती है दांव पर

रोडवेज बसों में सबसे ज्यादा जहरखुरानी के केस दिल्ली रूट पर होते हैं। अमरोहा से मुरादाबाद के बीच में जहरखुरान भ् रुपये की चाय या क्0 रुपये की कोल्ड ड्रिंक पिलाकर हजारों का माल लूटकर जिंदगी खतरे में डालकर चले जाते हैं। ज्यादातर वारदातों को रात के वक्त अंजाम दिया जाता है। जैसे ही बस बरेली पहुंचती है, कंडक्टर और ड्राइवर जहरखुरानी के शिकार शख्स को हॉस्पिटल में एडमिट न कराकर बस अड्डे या सड़क किनारे छोड़ जाते हैं।

फायदा उठाते हैं जहरखुरान

कई घंटे बाद जब पुलिस को सूचना मिलती है तो होमगार्ड या प्राइवेट गार्ड जहरखुरानी के शिकार शख्स को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट करा देते हैं। यहां से एक मेमो कटता है। मेमो डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल से कोतवाली पहुंचा दिया जाता है। कोतवाली पुलिस सिर्फ मेमो की जीडी में इंट्री कर लेती है। पुलिस इस बारे में कोई पूछताछ नहीं करती है कि जहरखुरानी का शिकार हुआ शख्स कौन है। उसकी हालत कैसी है। वह कहां का रहने वाला है। रोडवेजकर्मियों और पुलिस की इसी खामी का जहरखुरान सबसे ज्यादा फायदा उठाते हैं।

पिछले दिनों की घटनाएं

क्ख् मार्च - विडनापुर का लियाकत सेटेलाइट पर बेहोशी की हालत में पड़ा मिला।

क्फ् मार्च- आंवला का वसीम पुराना रोडवेज पर पड़ा मिला।

क्ब् मार्च- चौरासी घंटा मंदिर के पास सड़क किनारे मिला शख्स।

क्भ् मार्च- रोडवेज के पास जहरखुरानी का शिकार प्रदीप पड़ा मिला।

ख्0 मार्च- सेटेलाइट के आगे जहरखुरानी के शिकार युवक को सड़क किनारे फेंक हुआ पाया गया।