-यूनिवर्सिटी के बाबुओं की मिलीभगत से चल रहा है खेल

-ढाई गुना रेट पर तत्काल मिल जाती है डुप्लीकेट मार्कशीट

>BAREILLY आरयू में दलाल सक्रिय हैं, जो रुपए लेकर हाथों-हाथ डुप्लीकेट मार्कशीट, माइग्रेशन, प्रोविजनल डिग्री आदि मुहैया कराते हैं। हैरत की बात यह है कि यह पूरा खेल यूनिवर्सिटी के बाबुओं की मिलीभगत से चल रहा है, लेकिन आलाधिकारी नींद में हैं। यूनिवर्सिटी में चल रहे फर्जी दस्तावेज बनाने के इस खेल का खुलासा करने के लिए आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने दलाल से संपर्क किया तो फर्जीवाड़े का सच सामने आया।

कैंटीन है दलाली का अड्डा

यूनिवर्सिटी कैंपस स्थित सिंगल विंडो के पास बनी कैंटीन दलालों का अड्डा है। हालांकि, यह कैंटीन यूनिवर्सिटी के एक कर्मचारी की है, जिसे बरकत अली संचालित कर रहा है। यहीं पर दलाल सौदा तय करते हैं। बीते दिनों रजिस्ट्रार को एक गोपनीय शिकायत मिली थी। इसमें सुभाषनगर के एक युवक पर आरोप लगा था कि वह फर्जी डिग्री और मार्कशीट बना रहा है। रजिस्ट्रार ने एसएसपी को कार्रवाई के लिए लेटर लिखा था।

यह है प्रक्रिया

यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने मार्कशीट, माइग्रेशन, डिग्री निकलवाने के लिए सिंगल विंडो बना रखी है। स्टूडेंट्स काउंटर से डुप्लीकेट मार्कशीट बनवाने के लिए 200 रुपए में फार्म खरीदें और उसे सिंगल विंडो पर जमा कर दें। दो दिन के बाद सिंगल विंडो से मार्कशीट स्टूडेंट्स को मिल जाएगी। वहीं, दलाल स्टूडेंट्स को तुरंत डुप्लीकेट मार्कशीट दिलवाने का झांसा देकर उन्हें शिकार बना लेते हैं।

दलाल और रिपोर्टर की बातचीत

रिपोर्टर-बरकत अली से मिलना है।

दलाल-अंदर आ जाओ आ जाओ।

रिपोर्टर-कहां हैं बरकत अली।

दलाल-अभी तो यहीं थे, अभी-अभी निकले हैं। थोड़ा इंतजार कर लो। बरकत अली के आने पर।

रिपोर्टर- रामपुर के भगवान देवी डिग्री कॉलेज के बीसीए के एक स्टूडेंट की मार्कशीट आपके पास है। छह सेमेस्टर में से चार तो मिल गई। लेकिन अभी भी दो रह गई हैं।

दलाल-कॉलेज ने उसका नामांकन नहीं कराया है। इसलिए मार्कशीट निकलवाने में दिक्कतें आ रही हैं।

रिपोर्टर-तो क्या करना होगा।

दलाल-आप ऐसा करो, एक फार्म ले जाओ और उसे कॉलेज से फॉरवर्ड कराके ला दो।

रिपोर्टर-आपने चार तो मार्कशीट निकलवा दीं।

दलाल-हां, दिलवा दी हैं। उनका पैसा भी मैंने ले लिया है। लेकिन दो नामांकन नहीं होने के कारण मार्कशीट निकलवाने में दिक्कतें आ रही हैं।

रिपोर्टर-2008 के बीकॉम की डुप्लीकेट मार्कशीट बनवानी है। इसके लिए क्या प्रक्रिया करनी होगी।

दूसरा दलाल-आरडी तो नहीं लगी है।

रिपोर्टर-आरडी नहीं लगी है। रिजल्ट क्लियर है।

दलाल-तो आज ही मिल जाएगी।

रिपोर्टर-कितने पैसे लगेंगे।

दलाल-500 रुपए देने होंगे।

रिपोर्टर-लेकिन यूनिवर्सिटी की फीस तो 200 रुपए है।

दलाल-सबको देना पड़ेगा, तभी तो तुरंत डुप्लीकेट मार्कशीट निकल पाएगी।

रिपोर्टर-अच्छा, तो मैं अभी आता हूं।

दलाल-ठीक है।

रिपोर्टर-आप कहां मिलोगे।

दलाल-मैं यहीं हूं। मेरा मोबाइल नंबर 7417003154 नोट कर लो। कॉल कर देना आ जाऊंगा।

रिपोर्टर-नाम क्या है अपका।

दलाल-फीद खान

कैंपस में दलालों के सक्रिय होने की सूचना मुझे नहीं है। इसकी जांच करवाई जाएगी, जो भी दोषी मिलेगा। उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। एसएल मौर्य, रजिस्ट्रार