-यूनिवर्सिटी की फाइनेंस कमेटी की मीटिंग में हुआ खुलासा

-प्रोफसर्स को सातवें वेतनमान के अनुसार मिलेगी सेलरी

>BAREILLY: आरयू एडमिनिस्ट्रेशन के अधिकारियों की विलासिता से यूनिवर्सिटी का घाटा साल दर साल बढ़ता जा रहा है। इस बात का खुलासा फ्राइडे को यूनिवर्सिटी कैंपस में हुई फाइनेंस कमेटी की मीटिंग में हुआ। फाइनेंस ऑफिसर ने 2015-16 में यूनिवर्सिटी की आय-व्यय, 2016-17 की प्रस्तावित आय और 2017-18 की अनुमानित आय-व्यय का लेखा-जोखा पेश किया। हैरत की बात यह है कि इस मीटिंग में स्टूडेंट्स की सुविधाओं से जुड़ा न कोई प्रस्ताव आया, न ही किसी ने चर्चा की।

पेंशन का फंड बढ़ा

यूनिवर्सिटी की फाइनेंस कमेटी की मीटिंग फ्राइडे को क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ। आरपी यादव की अध्यक्षता में हुई। इसमें फाइनेंस ऑफिसर पीएस चौधरी ने बताया कि यूनिवर्सिटी की आय हर वर्ष कम हो रही है। 2016-17 में यूनिवर्सिटी को 1,85,99,800 रुपए की हानि होने की संभावना हैं। वहीं, 2017-18 के प्रस्तावित बजट में 13,90,21,800 हानि की संभावना है। इसके बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी के सभी प्रोफेसर्स को सातवें वेतनमान के अनुसार बढ़ा वेतन 2016 से दिए जाने का प्रस्ताव रखा गया और उसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया। इसके अलावा पेंशन फंड को 100 करोड़ से बढ़ाकर 110 करोड़ कर ि1दया गया।

छात्रों की सुविधा में िवस्तार नहीं

मीटिंग में चौंकाने वाली बात यह रही कि कमेटी ने स्टूडेंट्स के लिए सुविधाओं के विस्तार के लिए कोई प्रस्ताव नहीं रखा। न ही फीस में कटौती की गई। वहीं, मीटिंग में शामिल होने के उच्च शिक्षा के वित्त सचिव को आना था, लेकिन अपरिहार्य कारणों के चलते वे नहीं आए। उधर, यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन के अधिकारी विलासिता पर तो पूरा फोकस कर रहे हैं। अधिकारियों के लिए वाहन होने के बाद भी लग्जरी गाडि़यां खरीदी जा रही हैं, लेकिन स्टूडेंट्स को बेहतर शिक्षा और सुविधाएं मुहैया कराने पर उनका कोई ध्यान नहीं है।

फीगर स्पीक

वित्तीय वर्ष 2015-16 में वास्तविक अाय और व्यय

आय-1,50,15,90,562

व्यय-81,61,37,074

लाभ-68,54,53,488

वित्तीय वर्ष 2016-17 में प्रस्तावित अाय और व्यय

आय-1,48,32,90,200

व्यय-1,50,18,90,000

हानि-1,85,99,800

वित्तीय वर्ष 2017-18 में अनुमानित अाय और व्यय

आय-1,55,98,68,200

व्यय-1,69,88,90,000

हानि-13,90,21,800

यूनिवर्सिटी को नुकसान हुआ है। यह रिपोर्ट एग्जिक्यूटिव काउंसिल में जाएगी। खर्च पर नियंत्रण कर, घाटे की भरपाई की जाएगी।

पीएस चौधरी, फाइनेंस ऑफिसर