-व्हाट्स ग्रुप के पीएचडी बचाओ संघर्ष समिति पर ग्रुप के एडमिन ने की अभद्र टिप्पणी
BAREILLY
आरयू के प्रो-वीसी पर 'पीएचडी बचओ संघर्ष समिति' नाम के एक ग्रुप पर आपत्तिजनक मेसेज वायरल हुआ है। दरअसल, यह मेसेज गु्रप एडमिन ने पीएचडी की डिग्री अवार्ड न करने पर किया है। वहीं इस टिप्पणी पर प्रो-वीसी का कहना है यूजीसी के बदले मानकों में पीएचडी की डिग्री उलझ कर रह गई है, इस कारण अवार्ड नहीं हो पाई है।
2009 में बदले थे नियम
यूजीसी ने 2009 में पीएचडी करने के नियमों में बदलाव किया था। उसने सभी यूनिवर्सिटीज को लेटर जारी किया और बदले गए 11 मानकों को पूरा करने वाले रिसर्च स्कॉलर को ही पीएचडी की डिग्री अवार्ड करने के निर्देश दि थे। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के इसी आदेश में 2009 के रिसर्च स्कॉलर्स की पीएचडी की डिग्री उलझकर रह गई। रिसर्च स्कॉलर्स ने कई बार विरोध प्रदर्शन किया। यूनिवर्सिटी के कॉन्वोकेशन में आए गवर्नर राम नाईक को भी अपना दुखड़ा सुनाया, लेकिन बात नहीं बनी। पीएचडी डिग्री अवार्ड नहीं होने से गुस्साए पीएचडी बचाओ संघर्ष समिति के ग्रुप एडमिन एके देवल ने ग्रुप मेंबर दुर्गेश शर्मा के इस सवाल पर कि यूनिवर्सिटी लेटर जारी नहीं कर रही है। क्या करना चाहिए। इस पर उन्होंने कमेंट किया कि 'प्रो-वीसी का दिमाग खराब हो चुका है जो कोर्ट से ही ठीक होगा'। जैसे ही ग्रुप पर यह मेसेज चला वैसे ही मेंबर्स ने ग्रुप लेफ्ट करना शुरू कर दिया। वहीं, इस मुद्दे पर जब प्रो-वीसी वीपी सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि डिग्री नहीं मिलने से रिसर्च स्कॉलर नाराज हैं। इसलिए इस तरह की टिप्पणी कर रहे हैं। कार्रवाई के नाम पर उन्होंने नो कमेंट किया।