आरपीएफ ने की स्पेशल जांच, 6 महीने में 22 खुलासे, 36 पकड़े गए

आरपीएफ आईजी ने आरपीएफ स्टाफ की वर्कशॉप में किया खुलासा

BAREILLY: जनता को निशाना बनाकर वारदात अंजाम देने के लिए नॉर्दर्न रेलवे की ट्रेनें बदमाशों के लिए पसंदीदा जगह बनती जा रही हैं। इसमें भी वेस्ट यूपी में ट्रेनों में होने वाली वारदातों का ग्राफ पिछले कुछ साल में तेजी से बढ़ा है। वेस्ट यूपी के बरेली-सहारनपुर रूट की ट्रेनों में मुसाफिरों को लूटना बदमाशों का आसान टारगेट बन गया है। वेडनसडे को बरेली में मौजूद नॉर्दर्न रेलवे के आरपीएफ आईजी संजय किशोर ने खुद इसका खुलासा किया। आरपीएफ आईजी ने बरेली-सहारनपुर रूट को ट्रेनों में होने वाले क्राइम के लिहाज से सबसे ज्यादा संवेदनशील रूट करार दिया।

तीन रूट में टॉप पर

आरपीएफ अधिकारियों व फोर्स के लिए कराई गई एक वर्कशॉप में शामिल होने आईजी संजय किशोर बरेली पहुंचे हुए थे। दोपहर 10 बजे से स्टेशन रोड स्थित एक होटल में हुई इस वर्कशॉप के बाद प्रेस कांफ्रेंस में आईजी ने ट्रेनों में हो रहे मोबाइल क्राइम को कंट्रोल करना बड़ी चुनौती करार दिया। वेस्ट यूपी में बढ़ती ट्रेन वारदातों पर आरपीएफ ने तीन रूट की स्पेशल इंवेस्टीगेशन कराई। जिसमें शाहजहांपुर-लखनऊ, शाहजहांपुर-मुरादाबाद और हरिद्वार-सहारनपुर रूट को स्टडी किया गया। पड़ताल के बाद बरेली-सहारनपुर के बीच सबसे ज्यादा ट्रेनों में आपराधिक वारदातों का खुलासा हुआ।

6 महीने में 22 खुलासे

इस रूट की संवेदनशीलता के चलते ही मुरादाबाद डिविजन के बजाए आईजी ने बरेली में ही आरपीएफ फोर्स के लिए वर्कशॉप कराने का फैसला लिया। प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद एनआर आरपीएफ के सीनियर कमांडेंट एके वर्णवाल ने बताया कि बरेली-सहारनपुर रूट संवेदनशील मालूम होने के बाद इसे दो सेक्शन में बांट दो टीमें गठित की गई। पहली टीम रामनगर-अमरोहा रूट और दूसरी टीम को रामपुर-बरेली रूट पर बदमाशों के धरपकड़ की जिम्मेदारी दी गई। जनवरी से जून 2016 के बीच आरपीएफ ने सहारनपुर-बरेली रूट पर हुई वारदातों में 22 का खुलासा किया। इनमें 7 मामले ट्रेनों में लूटपाट-चोरी के, 4 एनडीपीएस के, 4 फायर आ‌र्म्स एक्ट के, 4 स्मगलिंग के और 3 रॉबरी के हैं। वहीं इन वारदातों में शामिल 36 अपराधियों को पकड़ा गया।