- दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के रिएलिटी चेक में हुआ खुलासा
- पब्लिशर, स्कूल और बोर्ड जेब भरने के लिए बढ़ा रहे बैग का बोझ : डॉ। शर्मा
BAREILLY:
मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा स्कूल के बच्चों के बैग का बोझ कम करने के लिए मंडे को सर्कुलर जारी किया था, लेकिन इसका पालन करता कोई स्कूल नहीं दिखा। ट्यूजडे को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने बच्चों के बैग का वजन जानने के लिए रिएलिटी चेक किया, जिसमें बैग का वजन तय मानकों से दोगुने से भी ज्यादा मिला।
आखिर बच्चों के स्कूल बैग का वजन ज्यादा क्यों है? इस बारे में शहर के जाने माने शिक्षाविद डॉ। आरके शर्मा का कहना है कि बुल सेलर, पब्लिशर, स्कूल और बोर्ड खुद की जेब भरने के लिए बच्चों के बस्ते का बोझ बढ़ाते जा रहे हैं। जो बातें बच्चों को ओरल तरीके से सिखा सकते हैं, उसके लिए भी स्कूलों ने अपने यहां निजी प्रकाशन की एक्स्ट्रा बुक्स लगा रखी हैं। जबकि इन बुक्स की एक्चुअल में कोई जरूरत ही नहीं है।
इसलिए बढ़ता है भार
डॉ। शर्मा का कहना है कि सर्कुलर के हिसाब से क्लास 2 तक के स्टूडेंट्स के लिए केवल मैथ्स और लैंग्वेज की ही बुक होनी चाहिए। लैंग्वेज में हिंदी और इंग्लिश दोनाें शामिल होती है। लेकिन कुछ स्कूल इसके अलावा कम्प्यूटर और ईवीएस जैसी कई बुक्स और जोड़ देते है। ये किताबें बस्ते का बोझ बढ़ाने के अलावा कुछ और नहीं करतीं।
मॉरल साइंस की बुक क्यों?
उन्होंने कहा कि स्कूलों ने ऐसी बुक्स भी लगा रखी हैं जिनका कोई यूज ही नही है। जैसे मोरल साइंस। मोरल साइंस में बताया जाता है कि हमें गंदगी नहीं करनी चाहिए, कूड़ा कूडे़दान में ही डालना चाहिए। सबकी रेस्पेक्ट करनी चाहिए जबकि स्कूल में यह बातें बिना बुक के नियमित रूप से बताई जानी चाहिए। इससे स्कूलों के बैग का वजन कम होगा।
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रिएलिटी चेक के दौरान दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम सबसे पहले दोपहर 12:45 बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक दो स्कूलों के बाहर रिएलिटी चेक किया।
नर्सरी :बैग का वजन 4.5 िकलो ज्यादा
टीम सबसे पहले कैंट स्थित एक प्राइवेट स्कूल पहुंची। यहां शौर्य के बैग का वजन किया गया, जो तय मानक से 4.5 किलो ज्यादा निकला।
1.5 किलोग्राम है तय मानक
6 किलो निकला बैग का वजन
10 के स्टूडेंट के बैग के वजन से एक किलो ज्यादा
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एलकेजी :बैग का वजन 3.5 किलो अधिक
इसी स्कूल में एलकेजी के स्टूडेंट विराज के बैग का वजन भी तय मानक से दो गुना ज्यादा निकला।
- 21 किलो था विराज का बिना बैग के वजन
- 26 किलो निकला बैग के साथ वजन - 1.5 किलो भार है तय मानक
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क्लास 8 के बच्चे के बैग का वेट दोगुना
क्लास 8 के स्टूडेंट अकर्ष के बैग का वेट भी तय मानक से दोगुना निकला।
- 62 किलो था बिना बैग के वजन
- 70 किलो निकला बैग के साथ वजन
- 08 कलो था बैग का वजन
- 3.5 किलो था मानक से ज्यादा
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ज्यादा कमाई के लिए बढ़ाया भार
स्कूलों ने वर्कबुक, ड्रॉइंग, करसिव राइटिंग जैसी कई फालतू बुक्स लगा रखी हैं। यह सिर्फ एक्स्ट्रा पैसे कमाने और बच्चों के ऊपर प्रेशर डालने के लिए ही होती हैं।
नीता, पेरेंट
मैथ्स और लैंग्वेज ही काफी
जितना प्रेशर बच्चों पर स्कूल में होता है, उससे कहीं ज्यादा प्रेशर पेरेंट्स पर आ जाता है। बच्चों के स्कूल से लौटने के बाद उनका होमवर्क ही कराते रहते हैं। जबकि छोटे बच्चों के लिए तो केवल मैथ्स और लैंग्वेज ही काफी है।
पूजा सिंह, पेरेंट