-1 सितबंर से स्कूली बसों को करना था अपग्रेड, स्ट्राइक के चलते नहीं हुआ बदलाव

-नए रूल्स फॉलो न करने वाली स्कूली बसों पर आरटीओ आज से करेगा कार्रवाई

बरेली: सितंबर यानि आज से बच्चों की सेफ्टी के लिए स्कूली बसों को अपग्रेड करना था, लेकिन ट्रांसपोर्टर्स की दो दिन की हड़ताल के बाद ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन बैकफुट में चला गया है। जिससे प्राइवेट ट्रांसपोर्टर्स और स्कूल ओनर ने एक भी बस को अपग्रेड नहीं किया। जिससे बच्चों को मजबूरी में उन्हीं पुरानी अनसेफ बसों से स्कूल जाना पड़ेगा। वहीं आरटीओ प्रशासन का कहना है कि नए रूल्स फॉलो न करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

कैसे एक्शन लेगा आरटीओ

आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस को 1 सितम्बर से लागू हो रहे रूल्स को फॉलो कराना है। अफसरों के सामने भी चैलेंज है कि वे ट्रैफिक रूल्स कैसे फॉलो कराएं। क्योंकि स्ट्राइक के बाद ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने पांच सदस्यीय कमेटी बनाई है। जो रूल्स फॉलो करने में आने वाली प्रॉब्लम्स की रिपोर्ट बनाकर 10 दिन में सौपेगी। ऐसे में आरटीओ कैसे एक्शन लेगा यह सोचने वाली बात है।

स्कूल भी कर रहे सपोर्ट

बसों को अपग्रेड न करने के पक्ष में स्कूल प्रबंधन भी दिख रहा है क्योंकि उनका कहना है अगर बसों को अपग्रेड किया गया तो उनका पेरेंट्स से दो गुना किराया लेना होगा जिसके लिए वे कभी भी तैयार नहीं होंगे।

यह चाहते हैं ट्रांसपोर्टर्स

प्राइवेट ट्रांसपोर्टर्स की मांग है कि जब स्कूल के नाम रजिस्टर्ड स्कूली बसों की वैलिडिटी 15 साल तक निर्धारित है तो प्राइवेट ट्रांसपोर्टर्स के नाम रजिस्टर्ड की वैलिडिटी 10 साल क्यों है। जब एक ही स्कूल में दोनों बसें चलाई जा रही हैं। इसी मांग को लेकर प्राइवेट ट्रांसपोर्टर्स ने 28 और 29 अगस्त को स्ट्राइक की थी। इस दौरान स्कूल प्रबंधन ने भी अपनी बसें नहीं चलाई थी जिससे पेरेंट्स को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था।

स्कूल की बात

- ट्रैफिक रूल्स आज से चेंज हो रहे हैं, जिसमें बसों को अपग्रेड करना है। लेकिन अभी बसों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। मीटिंग के बाद फैसला लिया जाएगा।

पारुष अरोरा, अध्यक्ष, इंडिपेंडेंट्स एसोसिएशन सोसायटी

-स्कूल की बसों में अभी कोई बदलाव नहीं कराया गया है। मीटिंग के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा। परिवहन आयुक्त की तरफ जांच के लिए कमेटी बनाई गई है। उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ फैसला होगा।

आरएल सिंह, महर्षि विद्या मंदिर इंटर कॉलेज

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-ट्रैफिक रूल्स में जो भी सुरक्षा के लिए लिए बदलाव जरूरी हैं, वह होने चाहिए। मानक पूरा करने के नाम पर पेरेंट्स पर एक्सट्रा चार्ज लेना बिल्कुल गलत होगा क्योंकि पेरेंट्स तो पहले से ही पेरेशान है।

श्याम, पेरेंट्स

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-जो भी ट्रांसपोर्टर्स हैं चाहें वे स्कूल की तरफ से हो या फिर प्राइवेट। सभी अपनी बसें तो चलाएंगे ही तो फिर रूल्स रूल्स फॉलो करने में क्या प्रॉब्लम है। इसके लिए जरूरी नॉ‌र्म्स ही तो पूरे करना है तो एक्सट्रा चार्ज की बात क्यों आ रही है।

पूजा, पेरेंट्स

-एमवी एक्ट की जो नई नियमावली आई है, उसे आज से फॉलो कराया जाएगा। रूल्स फॉलो कराने के लिए अभियान चलाया जाएगा।

आरपी सिंह, एआरटीओ प्रशासन