-बुढ़ापे का सहारा नहीं बचा तो संपत्ति बेच बैंक में रुपये, होटलों को बना लिया रहने का सुरक्षित ठिकाना

-50 लाख हड़पने को बदमाश दंपत्ति को अपने ठिकाने पर ले जाकर मारपीट की, रुपये, जेवरात छीने

-होटल से निकले दंपत्ति को बदमाश बरेली में अपने ठिकाने पर ले गए, फिर अस्पताल के बहाने निगोही ले आए

फोटो : 8 एसएचएन 18, 25

निगोही (शाहजहांपुर) : सुनिए लुटे-पिटे लाचार बुजुर्ग दंपती की कहानी। दुनिया के आडंबर से दूर दंपत्ति ने रहने का सुरक्षित ठिकाना होटल चुना तो भी बुजुर्गियत बड़ी बाधा बनकर सामने आ खड़ी हुई। पति के सीने में दर्द की शिकायत पर बुजुर्ग पत्नी होटल से एंबुलेंस लेकर मिशन अस्पताल बरेली को निकली तो लुटेरे शाहजहांपुर के निगोही में अपने ठिकाने पर ले गए। बीमारी का इलाज तो हो नहीं हो सका, उल्टा बदमाशों ने मारपीट कर डेढ़ लाख रुपये, जेवरात जरूर लूट लिए। पुलिस ने दो बदमाशों को दबोच कर पीडि़त दंपत्ति को बरामद कर लिया है। सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचने के बावजूद लुटे-पिटे लाचार बुजुर्ग कुछ भी स्पष्ट नहीं बता पा रहे। निगोही पुलिस ने घटनाक्रम की छानबीन शुरू कर दी है।

हम बात कर रहे हैं बरेली निवासी दवा कारोबारी सुनील गर्ग उनकी शिक्षिका पत्नी मीरा गर्ग की। यूं तो बुजुर्ग दंपत्ति को ठिकाना बरेली में तेजबाबू राम बि¨ल्डग काला फाटक पुरानी माचिस फैक्ट्री माधोबाड़ी में है। बाल-बच्चे न होने से बुजुर्ग दंपत्ति ने रहने को सुरक्षित ठिकाना होटलों को चुना। इधर कुछ दिनों से बरेली के एक होटल के कमरा नंबर 122 को रह रहे थे। शुक्रवार को दोपहर बाद सुनील गर्ग के सीने में दर्द हुआ। उनकी पत्नी मीरा ने होटल रिसेप्शन से एंबुलेंस की डिमांड की, बताया कि मिशन अस्पताल तक जाना है। एंबुलेंस चालक ने बुजुर्ग दंपत्ति को बरगलाते हुए शाहजहांपुर के निगोही थाना अंतर्गत दिलावरपुर गांव में एक व्यक्ति के घर पहुंचा दिया। यहां बुजुर्ग दंपत्ति के साथ मारपीट की गई। उनसे डेढ़ लाख रुपये, करीब 60 हजार के जेवरात, एटीएम कार्ड छीन लिए गए। रात में एंबुलेंस के आने एवं कुछ देर बाद जाने की बात पास-पड़ोस के लोगों की समझ से परे रही। अनहोनी की आशंका से पड़ोसियों ने निगोही थाने में इत्तला दी तो पुलिस हरकत में आ गई। एसआई सत्यपाल सिंह के नेतृत्व में पहुंची पुलिस टीम ने दो बदमाशों को दबोच कर बुजुर्ग दंपत्ति को बरामद कर लिया। पूछताछ में बुजुर्ग दंपती ने सच्चाई बयां की तो पुलिसवाले भी कांप उठे। बुजुर्ग ने अपना नाम सुनील गर्ग ने खुद को दवा कारोबारी (सुनील मोडिकोस) पुराना शहर बरेली तथा महिला की पहचान मीरा गर्ग सेवानिवृत्त शिक्षिका के रूप में बताई। मीरा गर्ग ने बताया कि वह एसएस इंटर कॉलेज में टीचर रहीं। वर्ष 2010 में सेवानिवृत्त हुईं थीं। पति के सीने में दर्द होने पर होटल वाले से एंबुलेंस की सुविधा मांगी तो यहां तक आ पहुंची। बुजुर्ग दंपत्ति के चेहरे पर भय के भाव स्पष्ट नजर आ रहे थे। पुलिस के हत्थे एंबुलेंस कर्मी मुकेश निवासी बरेली भी चढ़ा है जो दिलावर पुर में अपने रिश्तेदार के घर बुजुर्ग दंपत्ति को लेकर गया था। निगोही एसओ अमर सिंह यादव ने बताया कि मामला 50 लाख रुपये हड़पने की कोशिश से जुड़ा मामला है। बुजुर्ग दंपत्ति से दिलावरपुर निवासी व्यक्ति की बेटी प्रीती उसके ससुरालियों से संबंध है। दंपत्ति ने एक-एक चार बच्चों की मौत के बाद अपनी संपत्ति बेच रुपये करीब 50 लाख बैंक में जमा कर रखे हैं। होटल से बुजुर्ग दंपत्ति तीन-चार दिनों पूर्व ही एंबुलेंस से निकला था। किसी तरह प्रीति मिली तो दंपत्ति को अपने साथ घर ले गई। सुनील ने तबीयत खराब होने की बात कहते हुए मिशन अस्पताल ले चलने को कहा तो प्रीति उसके नन्दोई मुकेश उन्हें लेकर निगोही के दिलावरपुर आ पहुंचे। इस मामले में कइयों के हाथ हैं। वह फिलहाल बरेली में सभी आरोपियों को दबोचने में जुटे हैं। कल तक पूरे मामले का पटाक्षेप कर देंगे।