लाल फाटक ओवरब्रिज :

-नक्शे के मुताबिक ओवरब्रिज का निर्माण कैंट की जमीन पर होना है

-कैंट बोर्ड से 3.77 करोड़ रुपए में जमीन देने का प्रस्ताव पारित हो चुका

बरेली :

लाल फाटक ओवरब्रिज की बाधाएं धीरे-धीरे दूर हो रही हैं। वर्क आर्डर के बजाय एनओसी के लिए रक्षा मंत्रालय में पैरवी करके प्रोजेक्ट लेट होने के बाद कैंट बोर्ड ने अपने हिस्से की जमीन का प्रस्ताव पास किया। यह तय हो गया कि सेना की जमीन पर सर्विस लेन और नाला बन सकेगा।

सेना को भी सर्विस रोड की जरूरत

लाल फाटक ओवरब्रिज के लिए सेतु निगम को कैंट एरिया में करीब 6500 वर्गमीटर भूमि की जरूरत है। कमिश्नर रणवीर प्रसाद के निर्देश के बाद एसडीएम सदर ईशान प्रताप सिंह ने लाल फाटक पर जमीन अधिग्रहण के लिए सर्वे कर रिपोर्ट में करीब 4500 वर्गमीटर जमीन कैंट बोर्ड और बाकी 2000 वर्गमीटर जमीन सेना की मिली थी। इस भूमि के मूल्य के बराबर प्रशासन को दूसरी जगह जमीन चिह्नित की थी। इसी दौरान कैंट बोर्ड ने लाल फाटक ओवरब्रिज के निर्माण के लिए अपनी जमीन 3.77 करोड़ रुपये में प्रशासन को देने का प्रस्ताव पारित किया है। बोर्ड के एई आरके माहेश्वरी के मुताबिक प्रस्ताव में रक्षा मंत्रालय से जनहित में इसकी मंजूरी देने का अनुरोध किया गया। नक्शे के मुताबिक ओवरब्रिज का निर्माण कैंट की जमीन पर होना है। कुछ दूरी तक सेना की जमीन पर सर्विस लेन और नाला बनना है। सेना को भी सर्विस रोड की जरूरत है। इसलिए आपत्ति नहीं आएगी।

निर्माण गति होगी तेज

सेतु निगम बदायूं रोड और कैंट की तरफ पीडब्ल्यूडी के हिस्से वाली सड़क पर ओवरब्रिज का निर्माण तकरीबन पूरा कर चुका है। रेलवे दोनों क्रा¨सग वाले हिस्से में अभी ओवरब्रिज का निर्माण धीमी गति से कर रहा है। रेलवे को अपने हिस्से में पांच पिलर बनाकर ओवरब्रिज तैयार कराना है। अपने हिस्से में उसे काम पूरा करने में डेढ़ से दो साल तक वक्त लग सकता है। हालांकि दीपावली पड़ने की वजह से मजदूर घरों को लौट चुके हैं। उनके वापस आने के बाद निर्माण कार्य में थोड़ी गति मिलने की उम्मीद है।