BAREILLY :

शहला ताहिर पीलीभीत की जेल से ट़्यूजडे को बाहर आ सकती हैं। शहला ताहिर को 17 जनवरी के लिए धोखाधड़ी के मामले में जेल भेजा गया था। जिसकी उन्हें 8 फरवरी को जनपद न्यायाधीश दिनेश कुमार सिंह ने जमानत दे दी थी। जिसमें रिहाई के लिए 50-50 हजार के दो जमानतदार पेश करने थे। लेकिन जमानतदारों की तस्दीक नहीं होने के चलते शहला को सैटरडे जेल से रिहाई नहीं मिल सकी।

2003 का था मामला

तत्कालीन नगर पालिका परिषद पीलीभीत के चेयरमैन राजीव अग्रवाल (टीटी) ने डॉ। मोहम्मद ताहिर व उनकी पत्नी शहला ताहिर के विरुद्ध वर्ष 2003 में सुनगढ़ी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था कि चार अप्रैल 2003 को कैंप कार्यालय पर दो लोग आए, जिन्होंने परिचय डॉ। मोहम्मद ताहिर व शहला ताहिर के रूप में दिया। एक आदेश अधिशासी अधिकारी के पद पर कार्यभार ग्रहण कराने का पत्र दिखाया। मंत्री आवास नगर विकास एवं नगरीय रोजगार उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ के लिखे पत्र की फोटो कॉपी तथा डॉ। ताहिर के चांदपुर में अधिशासी अधिकारी के रूप में कार्य करने की बात कही। चांदपुर की नगर पालिका की ओर से दिया गया अनापत्ति प्रमाण पत्र भी दिया। यह सारे कागजात जांच में फर्जी निकले। इसी मामले में उन्हें 17 जनवरी को जेल भेजा गया था। जबकि शहला को अभी तक माया हॉस्पिटल प्रकरण और मुंसिफ कोर्ट से भी जमानत मिल चुकी है। जबकि देश द्रोह मामले में उन्हें हाईकोर्ट से अरेस्टिंग स्टे आर्डर मिल हुआ है। जिसकी अभी जांच चल रही है।