-छह दिन पहले जमा की थी कंज्यूमर ने बिल, फिर आ गई हजारों रुपए बिल

- बिल सही करवाने को कंज्यूमर लगा रहा चक्कर, खामी नहीं हो रही दुरुस्त

BAREILLY: छह दिन पहले ही सुभाषनगर के रविंद्रनगर निवासी अमरदीप सक्सेना ने चार हजार रुपए बिजली बिल जमा किया था। चार अक्टूबर को उन्हें बिजली विभाग ने फिर करीब चार हजार रुपए का झटका दे दिया। अमरदीप के नाम से फिर बिजली बिल आई तो उनके होश उड़ गए। वह बिल सही कराने के लिए भागे-भागे बिजली विभाग पहुंचे लेकिन उन्हें यहां मायूसी हाथ लगी। कर्मचारियों ने उन्हें लौटा दिया। वह विभाग का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

छह दिन पहले जमा की थी बिल

अमरदीप का दो किलोवॉट का बिजली कनेक्शन है। उनके मीटर की रीडिंग कुल 11356 थी। उन्होंने सितंबर में जितनी बिल इस्तेमाल की उस हिसाब से उनकी बिल 4332 रुपए आई। उन्होंने बिजली बिल जमा कर दिया। अभी मीटर रीडिंग में करीब 11423 यानि 67 यूनिट बढ़ी थी। जबकि उनकी बिल आई करीब चार हजार रुपए। बिल देखते ही वह समझ नहीं पाए कि इतनी ज्यादा बिल कैसे आ गई। गौर करने वाली यह बात है कि यदि पांच रुपए यूनिट के हिसाब से भी बिजली विभाग बिल चार्ज किया तो उसे हिसाब से अमरदीप की बिल 335 रुपए हुई, लेकिन उनके मामले में यह बात समझ से परे है कि बिजली विभाग ने किस गणित से बिजली चार्ज की है।

बिल में रीडिंग 771 यूनिट

अरमदीप की बिजली विल में बिजली विभाग ने मनमाने तौर पर 771 यूनिट रीडिंग शो की है। उन्हें चार अक्टूबर को उन्हें बिल रिसीव हुई। इसके बाद वह लगातार बिजली विभाग का चक्कर काट रहे हैं कि बिजली विल में हुई गड़बड़ी सही हो जाए लेकिन कर्मचारी उन्हें लौट दे रहे हैं। ट्यूजडे को उन्होंने फ‌र्स्ट डिविजन में फिर शिकायत की लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला।

यह पहला मामला नहीं

मीटर रीडिंग में हो रही गड़बड़ी का यह कोई पहला मामला नहीं है। न जाने कितने मामले सामने आ चुके हैं लेकिन इस पर अधिकारियों का ध्यान नहीं जाता है। शिकायतों का निस्तारण न होने के चलते कंज्यूमर्स को एमयू, आईडीएफ, आरडीएफ और सीडीएफ कैटेगरी में बिल आने लगती है। इसके चलते कंज्यूमर्स को के नाम कई गुना अधिक बिजली बिल दर्ज हो जाती है।