BAREILLY: प्रदेश के राज्यपाल ने कानून व्यवस्था को लेकर एक बार फिर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया। वे आईवीआरआई में ऑर्गनाइज गुड गवर्नेस टॉपिक के नेशनल सेमिनार में बतौर चीफ गेस्ट उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सुशासन के मामले में काफी कमजोर साबित हुई है। प्रदेश में कानून व्यवस्था बेहद खराब है, जिसकी जिम्मेदार खुद सरकार है। जिनके ऊपर इसे संभालने की जिम्मेदारी है, वह खुद ही बेलगाम हो चुके हैं। प्रदेश सरकार के मंत्री और कार्यकर्ता ही कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। ऐसे में उनसे सुशासन की क्या उम्मीद की जा सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने विधान परिषद के सदस्य बनाने का जो प्रस्ताव दिया था, उसमें सभी अयोग्य थे। शिक्षा, साहित्य, समाजसेवा समेत सभी पांच मानकों पर वे सदस्य खरा नहीं उतरते हैं। लोकायुक्त की नियुक्ति पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने संशोधित विधेयक पेश किया है, उस पर विचार चल रहा है। जल्द ही इस मसले को भी सुलझा लिया जाएगा। इसके अलावा शिक्षामित्रों के 11 सदस्यों के एक दल ने भारी पुलिस व प्रशासन की व्यवस्था की निगरानी में राज्यपाल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। राज्यपाल ने उनको आश्वासन दिया कि इस संबंध में प्रदेश सरकार और केंद्रीय एमएचआरडी मिनिस्टर से बात हो चुकी है। राज्य सरकार और केंद्र को चाहिए कि वे इस मसले पर साथ बैठकर वार्ता करें। फिलहाल यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट के हाथ में और सरकार कोई न कोई उपाय जरूर ढूंढ निकालेगी।