एक्सक्लूसिव न्यूज।

- 3 और 4 अगस्त को पॉल्यूशन, जल निगम ने एसटीपी के लिए किया ज्वॉइंट सर्वे

- देवरनिया, नकटिया, चौबारी से भरे गए सैंपल्स, रिपोर्ट एनजीटी को भेजी जाएगी

BAREILLY:

शहर से निक लकर नालों के जरिए नदियों में गिराए जा रहे प्रदूषित जल को रोकने की कवायद शुरू हो चुकी है। लास्ट इयर मंजूर हुए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट 'एसटीपी' के प्रपोजल को अब मूर्तरूप दिए जाने के लिए दो दिनों तक ज्वॉइंट सर्वे किया गया। जिसके बाद नालों से नदियों में गिराए जा रहे प्रदूषित जल का सैंपल लेकर उत्तर प्रदेश पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड को भेज दिए गए हैं। जहां सैंपल्स से प्रदूषित जल से प्रदूषण की क्षमता का डाटा तैयार कर उसके मुताबिक उसी क्षमता का एसटीपी लगाने की कवायद किए जाने की संभावना अधिकारियों ने जताई है।

यहां से भरे गए सैंपल्स

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से जारी गाइडलाइंस के मुताबिक शहर में तीन जगहों से सैंपल्स टीम ने भरे हैं। इसमें देवरनियां, चौबारी और नकटिया शामिल हैं। बता दें कि शहर से निकलने वाला प्रदूषित जल नालों के जरिए देवरनियां में बहगुल नदी, नकटिया में नकटिया नदी और चौबारी में रामगंगा नदी में गिरता है। ऐसे में यहां प्रदूषण का स्तर पता करने के लिए एनजीटी के निर्देश पर जलनिगम, उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों ने इन जगहों पर 3 और 4 अगस्त को निरीक्षण किया था। गोपनीयता बरकरार रखते हुए किए गए इस सर्वे की रिपोर्ट एनजीटी और सैंपल्स को पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को भेज दिया गया है।

मुहैया नहीं करा सका जमीन

शहर के 60 परसेंट हिस्से में सीवर लाइन नहीं है। सीवरेज वाटर को ट्रीट करने के लिए 4 एसटीपी लगने थे, लेकिन नगर निगम 12 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध नहीं करा सका। फिर कम जमीन पर एसटीपी लगने के विकल्प तलाशे गए जो नहीं मिले और प्रपोजल ठंडे बस्ते में चला गया। अब अमृत योजना में नगर निगम ने एसटीपी को शामिल कर लिया। नई तकनीक से एसटीपी बनाने के लिए नगर निगम ने आईआईटी दिल्ली से मदद मांगी। नगर निगम के पास सराय तल्फी, स्वालेनगर, सुभाषनगर और नकटिया के पास प्लांट लगाने के लिए जमीन खोजी गई। प्रस्ताव पर जल निगम ने मुहर लगा दी है।

सरायतल्फी में एसटीपी संभव

जल निगम ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट 'एसटीपी' के लिए आईआईटी दिल्ली के प्रोजेक्ट पर सहमति जता दी है। नई तकनीक से कम जमीन पर अब एसटीपी बन सकेंगे। सबसे पहले सरायतल्फी में 110 एमएलडी का एसटीपी बनेगा। जल निगम से जल्द इसकी डीपीआर तैयार कराई जाएगी। शहर में चार एसटीपी बनने हैं जिनकी क्षमता 210 एमएलडी होगी। सबसे बड़ा प्लांट सरायतल्फी में बनाया जाएगा। लास्ट इयर जनवरी में मंजूर हुए प्रस्ताव पर सहमति बनने के बाद भी अमृत योजना में बजट नहीं आने से कार्य शुरू नहीं किया जा सका। ऐसे में करीब डेढ़ साल बाद फिर से एमएलडी की चेकिंग की गई।

एक नजर में ।

- 3 अगस्त को टीम ने देवरनिया और चौबारी का निरीक्षण

- 4 अगस्त को नकटिया में गिरने वाले नाले से लिया सैंपल

- 5 अगस्त की सुबह सैंपल्स और रिपोर्ट समेत टीम रवाना

- 210 एमएलडी की क्षमता का बनना था एसटीपी, बढ़ेगी क्षमता

- पूर्व में चयनित हुई जगहों में भी फेरबदल की संभावना

एनजीटी के आदेश पर टीम ने ज्वॉइंट सर्वे की रिपोर्ट तैयार की है। सैंपल्स से क्षमता पता करने के बाद उसके मुताबिक एसटीपी की क्षमता रखी जाएगी। पूर्व में हुए प्रपोजल में बदलाव संभव है।

नीरज कुमार, एसई, जल निगम, यूपी सर्किल फोर्थ, बरेली