-बीसीबी कैंपस स्थित एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक में टंगी है शिकायत और सुझाव पेटिका

-कॉलेज मैनेजमेंट ने शिकायतों के निस्तारण और सुझाव पर विचार करने तक ही नहीं उठाई जहमत

BAREILLY बीसीबी के कर्मचारी और अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों के प्रति कितने सतर्क हैं, इसका गवाह एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक में टंगी शिकायत और सुझाव पेटिका पर लगा ताला है। पेटिका पर लगा ताला बीते 31 सालों से नहीं खोला गया है। इस कारण सैकड़ों स्टूडेंट्स के महत्वपूर्ण सुझाव और उनकी शिकायती पत्रों ने बंद शिकायत पेटिका में दम ही तोड़ दिया है।

छवि हो रही है धूमिल

स्टूडेंट्स अपनी परेशानी को कहने से हिचकिचाए नहीं। वह बिना किसी दिक्कत के अपनी परेशानी से कॉलेज को अवगत करा सकें। इसलिए बीसीबी मैनेजमेंट ने एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक में 1985 में एडमिनिस्ट्रेशन शिकायत और सुझाव पेटिका टंगवाई। लेकिन कॉलेज मैनेजमेंट पेटिका का ताला खुलवाना भूल गया। नतीजन जिन स्टूडेंट्स ने शिकायत पेटिका में अपनी शिकायतें डाली, या फिर कॉलेज की गिरती साख को बचाने के लिए सुझाव दिए वह कॉलेज मैनेजमेंट तक नहीं पहुंच सके। क्योंकि मैनेजमेंट ने शिकायती और सुझाव पेटिका बीते 31 साल से ताला नहीं खोला है। जिसका असर कॉलेज की छवि पर पड़ रहा है। न तो स्टूडेंट्स की समस्याएं निस्तारित हुई। न ही कॉलेज उनके सुझावों पर विचार कर सका। वहीं, कॉलेज की इस अनदेखी से स्टूडेंट्स और स्टूडेंट लीडर में आक्रोश है। स्टूडेंट्स का कहना है कि कॉलेज को जब उनके सुझाव की कद्र ही नहीं है, तो शिकायत और सुझाव पेटिका क्यों टांग रखी है।

वर्जन

कॉलेज एक तरफ तो स्टूडेंट्स से उनके सुझाव और शिकायतें मांगता है। वहीं, दूसरी ओर सालों से पेटिका पर लगा ताला नहीं खोलता है। कॉलेज को दोहरी राजनीति नहीं करनी चाहिए।

अवनीश चौबे, लीडर

कॉलेज को स्टूडेंट्स की शिकायतों का तत्काल निस्तारण करना चाहिए। ताकि उनका रूझान कॉलेज की ओर हो। स्टूडेंट्स की शिकायतें सॉल्व नहीं हो पाती है, नतीजन स्टूडेंट्स कॉलेज से दूरी बनाने लगता है।

धूपेन्द्र जायसवाल, स्टूडेंट लीडर