-चाय की दुकान पर बन रही चुनाव की रणनीति, संभावित उम्मीदार समर्थकों के साथ लगा रहे चौपाल

>BAREILLY: आरयू और बीसीबी में भले ही अभी चुनाव की डेट फाइनल न हुई हो लेकिन चाय की शॉप पर छात्र राजनीति जरूर गर्म होना शुरू हो गई है। चाय की चुस्कियों के साथ छात्र प्रतिनिधियों की हार जीत के कयास लगाए जाने लगे हैं। टी स्टॉल पर दिनभर स्टूडेंट्स संभावित कैंडिडेट्स की हार जीत के समीकरण बन-बिगड़ रहे हैं। इस वक्त चाय के खोखे और कैंटीन में संभावित उम्मीदवारों की चौपाल लग रही है। वहां रोजाना सुबह से स्टूडेंट्स लीडर्स और उनके समर्थकों का जमावड़ा देर शाम तक लगा रहता है।

छात्रसंघ चुनाव होने की उम्मीद

नौ अगस्त को बीसीबी के बोर्ड ऑफ कंट्रोल की बैठक में डीएम गौरव दयाल ने कॉलेज मैनेजमेंट को 13 सितम्बर से पहले चुनाव कराने का आदेश दिया था। डीएम के इस आदेश से संभावित छात्र प्रतिनिधियों को उम्मीद जागी कि इस सेशन में छात्रसंघ के चुनाव होंगे। डीएम के आदेश को अमलीजामा पहनाते हुए बीसीबी ने चुनाव अधिकारी के नाम की घोषणा कर दी। वहीं यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन और कॉलेज मैनेजमेंट छात्रसंघ की चुनाव की तैयारियों में जुटा हुआ है। बीसीबी के पूर्वी गेट पर एक टी स्टॉल है, जो बीते 20 साल से छात्रसंघ के चुनाव की गवाह है। बीसीबी में जब-जब चुनाव हुए हैं। तब-तब उसकी दुकान पर स्टूडेंट्स का जमावाड़ा लगता है। हैरत की बात यह है कि कई बार इस दुकान ने छात्रसंघ चुनाव के विनर्स भी ि1दए हैं।

बीसीबी में कब हुए चुनाव

2004-अनुराग सिंह 'नीटू'

2005-प्रशांत पटेल

2006-जितेन्द्र सिंह यादव 'टीटू'

2007-भूपेन्द्र कुर्मी

2008-11 तक चुनाव नहीं

2012-जवाहर लाल

2013-15 तक चुनाव नहीं हुए

आरयू में

2003-सुनील यादव

2004-मंयक गंगवार

2005-चन्द्र भान सुमन

2006-शिव प्रताप सिंह यादव

2008-11 तक चुनाव नहीं हुए

2012-अरविन्द कुमार

2013-15 तक चुनाव नहीं हुए

वर्जन

मुझे कॉलेज गेट पर टी स्टॉल लगाए करीब 20 साल हो चुके हैं। जब भी कॉलेज में चुनाव की सरगर्मियां तेज होती हैं। वैसे ही मेरी दुकान राजनीति का अड्डा बन जाती है। स्टूडेंट्स अपने-अपने पंसदीदा स्टूडेंट लीडर के जीतने का दावा करते हैं।

बृजमोहन, टी स्टॉल संचालक

छात्रसंघ के चुनाव को राजनीति की नर्सरी कहते हैं। जो स्टूडेंट्स राजनीति के क्षेत्र में अपना कॅरियर बनाना चाहते हैं। उनके लिए यह छात्रसंघ चुनाव एक पाठशाला साबित हो सकता है। चाय की स्टॉल पर चाय की चुस्कियों के साथ सिर्फ कयास लगाते हैं कि कौन का कैंडिडेट्स दमदार है।

अभिमन्यु, स्टूडेंट

हम चाहते हैं कि छात्र प्रतिनिधि ऐसा हो जो स्टूडेंट्स के हित में आवाज उठाएं। स्टूडेंट्स की समस्याओं के निस्तारण के लिए अपना पूरा दम लगा दें। साथियों के साथ छात्रसंघ की चुनाव पर चर्चा करने से कुछ न कुछ राजनीति के टिप्स सीखने को मिलते हैं।

आशीष, स्टूडेंट