-बोर्ड ने सभी स्कूल्स को अपने यहां पर एक्टिविटीज कंडक्ट कराने के निर्देश भी जारी कर दिए है

BAREILLY: सीबीएसई स्कूल्स के स्टूडेंट्स अब चाइल्ड लेबर के खिलाफ भी अलख जगाएंगे। अपनी तरह बाकी बच्चों को भी मुख्य धारा में लाने के लिए सभी को अवेयर करेंगे। इसके लिए बोर्ड ने सभी स्कूल्स को अपने यहां पर एक्टिविटीज कंडक्ट कराने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं। इन एक्टिविटीज में टीचर्स और स्टूडेंट्स दोनों ही शामिल रहेंगे। एक्टिविटीज के तहत एक तरह से प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करना है। जिसके जरिए मौजूदा समय की हकीकत का पता तो चलेगा ही साथ ही स्टूडेंट्स खुद के साथ दूसरों को भी अवेयर करने का काम करेंगे। यही नहीं इसके लिए बोर्ड की तरफ से स्कूल्स और स्टूडेंट्स को सर्टिफिकेट भी दिए जाएंगे।

क्ख्0 मीलियन बच्चे चाइल्ड लेबर का शिकार

हर वर्ष क्ख् जून को व‌र्ल्ड डे अगेंस्ट चाइल्ड लेबर मनाया जाता है। चाइल्ड लेबर की समस्या न केवल भारत पूरे विश्व में गंभीर रूप ले चुकी है। यूनेस्को की तरफ से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्व में भ् से क्ब् वर्ष के करीब क्ख्0 मीलियन बच्चे चाइल्ड लेबर का शिकार हैं। इनमें वे भी शामिल हैं जो अनाथ हैं साथ ही अधिकांश वे हैं जिनकी पारिवारिक स्थितियां अच्छी नहीं है। जिनके पेरेंट्स बच्चों को पढ़ा नहीं सकते। तमाम कानून होने की बावजूद यह समस्या बढ़ती ही जा रही है। अवेयरनेस न होने से यह समस्या और गंभीर बनती जा रही है।

क्लास म् से क्0 तक स्टूडेंट्स करेंगे पार्टिसिपेट

चाइल्ड लेबर के प्रति अवेयरनेस फैलाने के लिए सीबीएसई बोर्ड स्कूलों के लिए कॉम्पिटीशंस ऑर्गनाइज कराने जा रहा है। जिसमें स्कूल्स के स्टूडेंट्स अपने टीचर्स के संग पार्टिसिपेट करेंगे। इसके तहत क्लास म् से क्0 तक का ख्0 से फ्0 स्टूडेंट्स का ग्रुप बनाया जाएगा। यह एक तरह से प्रोजेक्ट रिपोर्ट होगी। जिसमें दिए गए कई प्वाइंट्स पर स्टूडेंट्स को रिपोर्ट तैयार करने होंगे। रिपोर्ट को ख्ब् अगस्त तक बोर्ड को सबमिट करना होगा। बोर्ड के एक्सप‌र्ट्स रिपोर्ट के आधार पर प्वाइंट्स देंगे। टॉप फ्0 स्कूल्स और उनके स्टूडेंट्स को बोर्ड सर्टिफिकेट भी प्रोवाइड कराएगा।

क्या है ऑब्जेक्टिव

यह एक्टिविटी लागू करने के पीछे बोर्ड का अपना ऑब्जेक्टिव भी है। बोर्ड का मानना है कि इससे चाइल्ड लेबर को हटाने के प्रोमोशन के लिए प्रैक्टिकल्स तरीके निकलकर आएंगे। चाइल्ड लेबर से संबंधित आंकड़े तैयार होंगे और रिपोर्ट बनाई जाएगी। स्टूडेंट्स भी अवेयर हो सकेंगे कि उनके साथ बच्चे किन हालातों में रहते हैं। एजुकेशन जैसी व्यवस्था से वे कोसों दूर हैं। बच्चे अवेयर होंगे तो पब्लिक भी अवेयर होगी। इस एक्टिविटी के माध्यम से स्टूडेंट्स सर्वे के क्वेश्चंस, इंटरव्यू करने और रिकॉ‌र्ड्स बनाने के टूल्स डिजाइन करना सीख सकेंगे।

प्रोजेक्ट में यह होगा शामिल

प्राजेक्ट को पूरा करने के लिए स्टूडेंट्स एनजीओ की भी मदद ले सकेंगे। स्टूडेंट्स के ग्रुप्स चाइल्ड लेबर के अगेंस्ट मैसेज, पोस्टर्स और चा‌र्ट्स तैयार कर सेकेंगे। ऐसे बच्चों को स्किल्ड बनाने, उनहें एजुकेशन प्रोवाइड कराने के लिए प्रैक्टिकल शेड्यूल तैयार हो सकेगा। ताकि वे पेरेंट्स के साथ काम करने के बावजूद भी शिक्षित हो सकें। प्रोजेक्ट के माध्यम से यह मालूम को सकेगा कि बच्चों की शिक्षा किस स्तर की है, होटल, फैक्टरीज समेत कहां-कहां किन परिस्थितियों में काम करते हैं।