-कुतुबखाना खोया मंडी में हुई छापामारी में 16 नमूने भरे, आगरा की लैब में होगी जांच

बरेली : फेस्टिव सीजन दशहरा, करवाचौथ फिर दीपावली आते ही खोया की मिलावट खोर और सक्रिय हो गए हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि की टीम वेडनसडे को कुतुबखाना की खोया मंडी में पहुंची, लेकिन कार्रवाई के डर से कुछ खोया बेचने वाले मौके से भाग निकले। जबकि बचे हुए दो फरीदपुर से आए खोया विक्रेताओं के नमूने लिए गए। मंडी की दुकानों से खोया के 14 नमूने भरे गए हैं।

नमूने भेजे जाएंगे लैब

एफएसडीए की टीम ने कुतुबखाना की खोया मंडी में छापामारी की। शाम को हुई कार्रवाई में मंडी में आंवला, फरीदपुर और मीरगंज से पहुंचे खोया विक्रेता साइकिल पर बैठकर निकल भागे। टीम ने बमुश्किल दो फरीदपुर के विक्रेताओं को पकड़ लिया। उनके खोया के नमूनों को लिया गया। रैपिड एनालिसिस में ट्राइट्रेबल एसिडिटी, शुगर, स्टार्च की मौके पर ही जांच की गई। जिसमें कोई मिलावट नहीं मिली। लेकिन पूरी जांच के लिए 16 नमूनों को आगरा की लैब भेजा जा रहा है।

दुकान पर 360 वाला खोया, मंडी में 250 का

त्योहारों से ठीक पहले बाजार में मिलावटी खोया की आमद तेज हो गई है। मांग बढ़ते ही 50 प्रतिशत तक दाम भी बढ़ गए हैं। पिछले दिनों जो खोया 160 रुपए मिल रहा था, वह वेडनसडे को बाजार में दो सौ से ऊपर बिका। दीपावली तक तीन सौ रुपए प्रति किलो तक दाम पहुंचने का अनुमान है। बढ़ती मांग का फायदा उठाकर मिलावटखोरों ने आपूर्ति तेज कर दी है। मंडी में 200 से 250 रुपए किलो खोया बिक रहा है जबकि दुकानों पर 360 रुपए किलो का भाव चल रहा है।

यहां से आता है मिलावटी खोया

-आंवला तहसील में देवचरा, बलिया, विशारतगंज, भमौरा

-बदायूं जिले का दातागंज इलाका

-फरीदपुर के दर्जनभर गांव

नकली खोया 50 रुपए किलो से कम

शकरकंदी और आलू को उबालकर उसे आरारोट, बे¨कग पाउडर, मैदा और रिफाइंड के साथ फेंटा जाता है। इसे भट्टियों में तैयार किया जाता है। असली दिखाने के लिए खोए पर देशी घी का सेंट छिड़क देते हैं। एक किलो खोया पचास रुपए से भी कम लागत में तैयार हो जाता है।

पहचान आसान, बस सावधानी बरतें

नकली खोया चिकनाई वाला चमकदार होता है, जबकि असली खोया दानेदार, मटेला रंग वाला होता है। ¨टचर आयोडीन की बूंद से नकली खोए का रंग बैंगनी हो जाता है। नकली खोया ज्यादा दिन सुरक्षित नहीं होता, सूखने पर ¨पडी के ऊपर पर्तें जमने लगती हैं।

मिलावटी ¨सघाड़े और कुट्टू का आटा

17 अक्टूबर से नवरात्र शुरू हो रही है, व्रत रखने वालों के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल की खाद्य पदार्थ ¨सघाड़े और कुट्टू का आटा होता है। दोनों तरह के आटा तैयार करने में रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है। एफएसडीए के अभिहित अधिकारी धर्मराज मिश्रा ने बताया कि 24 अक्टूबर तक व्रत में इस्तेमाल होने वाली खाद्य सामग्री के नमूने लेने और नकली सामग्री पर छापामारी करने के लिए टीम का गठन कर दिया गया है।