- राजेंद्र नगर में पटाखों का शोर 90 डेसीबल से ऊपर पहुंचा

- एसपीएम और आरएसपीएम ने छुआ 900 का आंकड़ा

>BAREILLY:

दिवाली की रात शहरवासियों ने जम कर आतिशबाजी की। शाम होते ही पूरा शहर पटाखों से गूंज उठा। पटाखे बजने के चलते शहर के सबसे पॉश इलाके सिविल लाइंस की हवा जहरीली हो गई। वहीं राजेंद्र नगर में पटाखों का शोर सबसे ज्याद रहा। नाइट्रोजन ऑक्साइड और सल्फर डाईऑक्साइड जैसे हानिकारक गैसों का आंकड़ा शहर की आवोहवा में डस्ट दोगुनी हो गई। जो पब्लिक के साथ-साथ पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं के लिए भी नुकसानदेह है।

शाम से ही आतिशबाजी शुरू

शहरवासियों के बीच पटाखा फोड़ने होड़ शाम 6 बजे से ही शुरू हो गई थी। आतिशबाजी देर रात चलती रही। रात के समय में जहां पूरे शहर में सन्नाटा फैला रहता है। वहीं दिवाली की रात पूरा शहर फटाखों की शोर से गूंजमान हो उठा। राजेंद्र नगर में स्थिति यह रही कि पटाखों का शोर 90 डेसीबल से ऊपर पहुंच गया। जबकि, धनतेरस के पहले यह राजेंद्र नगर में ध्वनि पॉल्यूशन 45 डेसीबल ही था। राजेंद्र नगर के अलावा सिविल लाइंस और आरवीआरआई के लोगों ने भी जमकर आतिशबाजी की। यहां पर ध्वनि पॉल्यूशन 80 डेसीबल के आस-पास रिकॉर्ड किया गया।

दोगुना हुआ नॉक्स आैर एसओटू

दिवाली की रात रिकॉर्ड किये गए एयर पाल्यूशन का आंकड़ा भी दोगुना हो गया। खासकर नॉक्स और एसओटू जैसी हानिकारक गैस। वहीं राजेंद्र नगर में फोड़े गये पटाखों असर सिविल लाइंस तक रहा। बीसीबी पीजीडी एन्वॉयरमेंट मैनेजमेंट की ओर से तैयार किये गये रिपोर्ट के मुताबिक सिविल लाइंस में नॉक्स और एसओटू का लेबल दिवाली की रात जस्ट दोगुना हो गया। यहां पर धनतेरस के पहले नॉक्स और एसओटू के आंकड़े 20 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के नीचे था। जो दिवाली के दिन बढ़ कर 45 माइक्रोग्राम प्रति घर मीटर पहुंच गया। वहीं सिविल लाइंस में रिस्पाइरेबल सस्पेंडेंड पार्टिकुलेट मैटर (आरएसपीएम ) और सस्पेंडेंड पार्टिकुलेट मैटर (एसपीएम) 900 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब रहा। जबकि, स्टैंडर्ड मानक 200 है।

अधिकारियों ने लगाई चाइनीज झालर

एक तरफ जहां पूरे देश में चाइना मेड सामानों का बहिष्कार कर रहा है, तो वहीं दूसरी ओर शहर के अधिकारियों ने चाइना मेड सामानों का जम कर इस्तेमाल किया। दिवाली की रात उनके घर चाइना मेड सामान से ही सजे दिखे। बीसीबी पीजीडी एन्वॉयरमेंट मैनेजमेंट के इंचार्ज दिनेश कुमार सक्सेना का कहना है कि जंक्शन से लेकर डीएम आवास, एडीएम कंपाउंड, पेट्रोल पंप से लेकर बैंक्स की बिल्डिंग्स भी चाइना मेड झालर से ही सजे थे। जबकि, उन्हें भी देश के हित में इसका बहिष्कार करना चाहिए था।