बरेली(ब्यूरो)। बरेलियंस को सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से डेढ़ वर्ष पूर्व लांच की गई भारत सीरीज नंबर प्लेट सुविधा काफी पसंद आ रही है। ये हम नहीं बल्कि भारत सीरीज नंबर प्लेट को लेकर बरेली आरटीओ में आने वाले आवेदनों के आंकड़े बता रहे हैं, जो बीते वर्ष की अपेक्षा में काफी बढ़ गए हैं। आरटीओ अधिकारियों के मुताबित वर्ष 2022 में जहां भारत सीरीज नंबर प्लेट के लिए 402 रजिस्ट्रेशन हुए थे। वहीं इस वर्ष अभी तक मात्र चार माह में ही 199 रजिस्ट्रेशन भारत सीरीज नंबर प्लेट के हो चुके है।

ये कर सकते हैं अप्लाई
आरटीओ अधिकारियों के अनुसार, भारत सीरीज नंबर प्लेट के लिए स्टेट, सेंट्रल गवर्नमेंट के कर्मचारी ही अप्लाई कर सकते हैं। इसके अलावा वे लोग भी भारत सीरीज नंबर प्लेट के लिए एप्लाई कर सकते हैं, जो किसी बड़ी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में नौकरी करते हैं। लेकिन, नियम के अनुसार उस कंपनी की देश के विभिन्न स्टेट में चार से पांच यूनिट होना अनिवार्य है। इस शर्त पर ही प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के वर्कर्स को आरटीओ भारत सीरीज नंबर प्लेट एलॉट करेगा।

नंबर प्लेट का खर्च
आरटीओ के अधिकारियों के अनुसार भारत सीरीज &बीएच&य नंबर प्लेट अप्लाई के लिए तीन अलग-अलग कैटेगरी बनाई गई हैं। 10 लाख रुपए से कम कीमत वाले वाहनों के लिए अप्लीकेंट को वाहन की कीमत का आठ प्रतिशत एक्स्ट्रा चार्ज देना होगा। वहीं 10 लाख रुपए से 20 लाख रुपए के बीच की कीमत वाले वाहन के लिए 10 प्रतिशत एक्स्ट्रा चार्ज देना होता है। इसी तरह से 20 लाख रुपए से अधिक कीमत के वाहन के ओनर को बीएच सीरीज नंबर प्लेट के लिए वाहन की कीमत का 12 प्रतिशत चार्ज आरटीओ में भुगतान करना होता है।

बेचने पर नहीं लेनी होती एनओसी
आरटीओ-ई दिनेश कुमार ने बताया कि बीएच सीरीज नंबर प्लेट वाले वाहन का ओनर देश के किसी भी राज्य में अपना वाहन आसानी से यूज कर सकता है। भारत सीरीज नंबर प्लेट रजिस्ट्रेशन वाले वाहन पर दूसरे राज्य में जाने पर वाहन स्वामी को फिर से रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं होती है। वहीं वाहन को बेचने की स्थिति में वाहन दूसरे के नाम ट्रांसफर करने में किसी प्रकार की कोई एनओसी नहीं लगती है। जहां वाहन का पहली बार रजिस्ट्रेशन हुआ था। जबकि नार्मल नंबर प्लेट यानि यूपी, एमपी आदि वाहनों के ट्रांसफर व री-रजिस्ट्रेशन में उस आरटीओ कार्यालय की एनओसी जरूरी होती है। जिस स्टेट के आरटीओ कार्यालय में उसका रजिस्ट्रेशन पहली बार हुआ था।

ये है फायदे
-बीएच सीरीज नंबर प्लेट वाले वाहन का ओनर देश के किसी भी राज्य में अपना वाहन यूज कर सकता है।
-भारत सीरीज नंबर प्लेट वाले वाहन को दूसरे राज्य में जाने पर वाहन स्वामी को फिर से रजिस्ट्रेशन कराने की आवश्यकता नहीं होती है।
-वाहन बेचने की स्थिति में वाहन दूसरे के नाम ट्रांसफर करने में किसी प्रकार की एनओसी नहीं लगती है।
-नार्मल नंबर प्लेट वाहन बेचने पर री-रजिस्ट्रेशन में संबंधित आरटीओ कार्यालय की एनओसी लेनी जरूरी होती है।
-नौकरी के दौरान जिनका पूरे देश में ट्रांसफर होता रहता है, उनके लिए सबसे ज्यादा फायेदमंद

बोले अधिकारी
सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से डेढ़ वर्ष पूर्व भारत सीरीज नंबर प्लेट लांच की गई थी। भारत सीरीज नंबर प्लेट लेने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अभी तक जिले में 600 से ज्यादा भारत सीरीज नंबर प्लेट के रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं।
दिनेश कुमार, आरटीओ-ई