एसआरएम और दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से आयोजित पैनल डिस्कशन पर बोल टीचर्स

बरेली : एसआरएम और दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से आयोजित हुए करियर पाथवे के दूसरे दिन के प्रोग्राम के बाद पैनल डिस्कशन हुआ, जो 'हायर एजुकेशन में क्या हों जरूरी बदलाव' पर फोकस रहा। इसमें टीचर्स ने हिस्सा लिया। इस दौरान बच्चों की बेसिक एजुकेशन पर ध्यान देने और क्लास 12 के बाद सही दिशा में पढ़ाई करने पर जोर दिया गया। हायर एजुकेशन में एडमिशन लेने के बाद बच्चों को पूरी शिद्दत के साथ पढ़ाई करने की बात कही गई। साथ ही, कहा गया कि काबिल बनने के लिए उच्च शिक्षा हासिल करनी चाहिए, डिग्री के लिए नहीं। पैनल डिस्कशन में ट्रेडिशनल और प्रोफेशनल कोर्सेज को लेकर चर्चा हुई। एसआरएम यूनिवर्सिटी की फैकल्टी ने भी अपने विचार रखे।

ये बोले टीचर्स -

बेसिक एजुकेशन में बदलाव जरूरी है। शुरुआती पढ़ाई में जब बच्चे कमजोर रह जाते हैं तो वह जैसे-तैसे आगे की पढ़ाई करते हैं। हायर एजुकेशन पर भी इसका असर पड़ता है। इससे उन्हें नौकरी के लिए दर-दर भटकना पड़ता है। इसलिए बात हायर एजुकेशन की करें, इससे पहले बेसिक एजुकेशन पर विचार करना जरूरी है। - आरएल सिंह, प्रिंसिपल, महर्षि विद्या मंदिर, सीनियर सेकेंड्री स्कूल

बदलाव होना जरूरी है। दरअसल, अब पढ़ाई उस स्तर की नहीं रह गई है जो पहले कभी हुआ करती थी। एजुकेशन सिस्टम को मजबूत करने की जरूरत है। गाइडेंस के साथ-साथ पढ़ाई का माहौल होना चाहिए। बड़ी बिल्डिंग नहीं बल्कि हायर एजुकेशन में क्वालिटी की जरूरत है। क्वालिटी होगी तो स्तर अपने आप सुधरेगा और बच्चों को कामयाबी जरूर मिलेगी। काबिल बनना जरूरी है।

- डॉ। आरके शर्मा, डायरेक्टर, एसआर इंटरनेशनल स्कूल

एजुकेशन लर्निग बेस्ड होनी चाहिए। यह बेसिक एजुकेशन से लागू हो तो हायर एजुकेशन के लिए बेहतर रहेगा। बच्चे डिपेंड न रहें बल्कि उन्हें खुद से पढ़ने की आदत डलवाएं। लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। कोचिंग हावी हो गई हैं। गाइडेंस ठीक से न मिलने की वजह से भी बच्चे पिछड़ जाते हैं। उन्हें बेहतर गाइडेंस मिलेगा तो वह हायर एजुकेशन में भी बेहतर करेंगे।

- डॉ। सुनीति शर्मा, प्रिंसिपल, मौलाना आजाद इंटर कॉलेज

सिलेबस ही ठीक नहीं है। इसमें बदलाव जरूरी है। इसे अपडेट होना चाहिए। साउथ की तुलना में नॉर्थ का सिलेबस बहुत ही कमजोर है। इसके अलावा बच्चों को सही गाइडेंस मिलना चाहिए। हायर एजुकेशन में बच्चे डिग्री तो हासिल कर ले रहे हैं लेकिन उन्हें जॉब नहीं मिल रही है। इसके लिए पॉलिसी मेकर जिम्मेदार हैं। फैकल्टी बेहतर होनी चाहिए। करियर के लिए कोई एक खास विषय ही जरूरी नहीं है, बल्कि पहले खुद के इंट्रेस्ट को समझें।

- डॉ। विनोद शर्मा, डायरेक्टर, शांतिकुंज ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज

सोच को बदलना जरूरी है। इसी से बदलाव संभव है। स्किल को बढ़ावा देने की जरूरत है। हायर एजुकेशन के नाम पर सिर्फ कोर्स कराए जा रहे हैं। बीटेक ही न कराएं, बल्कि इंजीनियर बनाएं भी। यही उद्देश्य होना चाहिए। क्वालिटी एजुकेशन पर जोर दें, फैकल्टी बेहतरी होगी तो परिणाम भी बेहतर आएंगे। सिलेबस वाली बात भी ठीक है। यह अपडेट होना चाहिए। साथ ही हमारे एजुकेशन में मौजूदा समय में काफी सुधार की जरूरत है।

- आरएस रावत, प्रिंसिपल, जीआरएम स्कूल, नैनीताल रोड

करियर किसी भी क्षेत्र में बनाया जा सकता है। बस, भावना की जरूरत होती है। मतलब, शिद्दत से काम करने की जरूरत होती है। वर्तमान समय में हमारे इर्द गिर्द न जाने कितने उदाहरण हैं। फार्मिग को ले लें। या फिर कोई अपनी स्किल से रोजगार पैदा कर रहा है। सिर्फ डिग्री हासिल करके न बैठें बल्कि काबिल बनें। हायर एजुकेशन के लिए यही सबसे जरूरी है कि क्वालिटी एजुकेशन हो और अच्छी फैकल्टी हो।

- शील सक्सेना, प्रिंसिपल, जीआरएम, डोहरा रोड