पिछले डेढ़ हफ्ते में ट्रेनों में सेना के जवानों संग 3 वारदात

सीआरपीएफ, डिफेंस व आर्मी पर्सनल को बनाया निशाना

BAREILLY:

केस -1

2 जुलाई को जेआरसी बरेली में ट्रेनिंग ले रहे भदोही निवासी रिक्रूट अनिल सिंह का त्रिवेणी एक्सप्रेस में सामान चोरी हो गया। इलाहाबाद से सवार हुए जवान का कोच एस-2 में हरदोई के पास सामान, कपड़े व 1600 रुपए चोरी हो गया। जवान ने बरेली जंक्शन उतरकर जीआरपी थाना में मुकदमा दर्ज कराया।

केस-2

3 जुलाई को श्रीनगर से मुजफ्फरपुर जा रहे अमरनाथ एक्सप्रेस में सवार सीआरपीएफ जवान का बरेली जंक्शन पर पर्स चोरी हो गया। जवान तौकीर मोहम्मद के साथ प्लेटफॉर्म 1 पर ही यह वारदात हो गई। सीआरपीएफ जवान ने सोने की चेन, मूवमेंट परमिशन लेटर और 8 हजार रुपए चोरी होने की जीआरपी में शिकायत दर्ज कराई।

केस-3

5 जुलाई को सियालदह एक्सप्रेस में सवार कासगंज निवासी फौजी देवेन्द्र को अजनबी ने नशा कराने के बाद लूट लिया। ट्रेन के आर्मी कोच में सवार फौजी को अजनबी ने एयरफोर्स में सिपाही बताकर पहले शराब पिलाई। फिर फौजी को नशा होने पर उसकी अटैची, जेब से 12 हजार रुपए, मोबाइल और एटीएम कार्ड चुरा लिया।

जुलाई महीने के पहले पांच दिनों के अंदर हुई यह तीन वारदातें ट्रेनों में चोर-बदमाशों की बढ़ती जुर्रत और

रेलवे की सुरक्षा में हो रही सेंधमारी पर सीधे सवाल खड़े कर रही। ट्रेनों में मुसाफिरों का लुटना और चोरों का शिकार बनना आए दिन की बात होती जा रही है। पुलिस की ढीली पकड़ के चलते बेखौफ बदमाश ट्रेनों में बावर्दी सफर कर रहे सेना और डिफेंस फोर्सेज के जवानों को भी अपना निशाना बनाने से नहीं चूक रहे। बदमाश इन वारदातों को चलती ट्रेन में ही नहीं बल्कि जंक्शन पर और स्पेशल आर्मी कोच में अंजाम देने से नही हिचक रहे।

आरपीएफ-जीआरपी भी फेल

आम मुसाफिरों से इतर डिफेंस व सेना के जवानों संग बढ़ रही चोरी की वारदातों ने रेलवे की सुरक्षा और संरक्षा के सिद्धांत पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। चोर -बदमाशों के इस बेखौफ रवैये ने जीआरपी व आरपीएफ की मुस्तैदी की कलई खोल कर रख दी है। ट्रेनों में जीआरपी व आरपीएफ स्क्वॉयड की कमी के चलते भी बदमाश बेखौफ हो वारदातें कर रहे। वहीं मुसाफिरों की लापरवाही भी ऐसी वारदातों के लिए जिम्मेदार है।

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