-स्टेडियम में दो दिवसीय स्पोटर्स टूर्नामेंट में दिखी अनियमितता

-जिले भर से आए स्कूली बच्चों को नहीं दिया गया खाना

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BAREILLY

जिले की स्कूलों से स्पो‌र्ट्स टूर्नामेंट में भाग लेने बरेली आई नन्हीं प्रतिभाएं बेसिक शिक्षा विभाग के लापरवाह अधिकारियों से हार गई। विभाग के स्पोटर्स टूर्नामेंट में दिन भर बच्चे भूखे-प्यासे अपना टैलेंट दिखाते रहे, पर किसी ने उनके खाने-पीने की नहीं सोची। जबकि इसके लिए शासन ने बजट मंजूर किया था। बच्चे तो अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा गए पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों की धांधलेबाजी खुल गई। रिफ्रेशमेंट के अलावा फ‌र्स्टएड की भी महज दिखावटी इंतजाम थे।

वेडनसडे को बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से दो दिवसीय स्पोटर्स टूर्नामेंट का आयोजन कराया गया। इसका उद्घाटन संयुक्त निदेशक शिक्षा एसपी द्विवेदी ने किया। इस दौरान उन्होंने खिलाडि़यों के उज्ज्वल भविष्य का आशीर्वाद दिया। इसके बाद खिलाडि़यों का जादू चला। उन्हें अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। 100, 200, 400 मीटर दौड़, खोखो, कबड्डी, ऊंची कूद, लम्बी कूद आदि में टैलेंट दिखाया।

कई बच्चों को उल्टी और चक्कर की शिकायत हुई-

भूृखे प्यासे दिन भर रेस और खो-खो जैसे खेल में बच्चों को इतनी थकान हो गई कि वे दोपहर तक ही पस्त होने लगे। कई बच्चों ने टीचर्स से उल्टी और चक्कर की शिकायत की। टीचर्स ने उन्हें स्टेडियम के बाहर ले जाकर खिलाया-पिलाया तब बच्चे फिर से खेल पाए। अधिकतर बच्चे भूखे -प्यासे ही ख्ोलते रहे।

परिपाटी में बदलाव,नौनिहाल पर भारी

बेसिक शिक्षा विभाग ने स्पोटर्स टूर्नामेंट में परिपाटी बदली। हर साल खिलाडि़यों को एमडीएम बांटने वाली एनजीओ के माध्यम से खाना मुहैया कराया जाता था। इस साल एनजीओ से खाना बंटवाने से मना कर दिया। इस कारण खिलाडि़यों को भूखे और प्यासे रहना पड़ा। चर्चा है कि शासन की ओर से मिले 90 हजार के बजट की बंदरबांट के लिए यह परिपाटी बदली गई है।

प्राथमिक उपचार खुद बीमार

खेल के दौरान घायल होने वाले खिलाडि़यों के लिए प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की जाती है। बेसिक शिक्षा विभाग ने टूर्नामेंट स्थल पर खाली काउंटर बनाकर खानापूर्ति कर ली। इस कारण घायल खिलाडि़यों को समय पर उपचार नहीं मिल सका।

आपस में भिड़े शिक्षक

खेल कॉम्पिटीशन में भाग लेने के लिए बरेली, मीरगंज, फरीदपुर, बहेड़ी के स्टूडेंट्स आए। इनके साथ शिक्षक भी मौजूद रहे। खेल कॉम्पिटीशन में अपने स्कूल्स के स्टूडेंट्स को जिताने के लिए कई शिक्षकों में आपस नोकझोंक तक हुई।

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सुबह सात बजे घर से चला था, अभी तक खाना नहीं मिला है। भूख के कारण पेट में दर्द हो रहा है। खाना मांगा, तो टीचर ने डांटा,

प्रताप कुमार, स्टूडेंट प्राइमरी स्कूल बहेड़ी

भूखे पेट ही खेल खेलना पड़ा। इस कारण चक्कर आ रहे हैं। इलाज की कोई व्यवस्था नहीं मिली, फ‌र्स्ट एड काउंटर पर चक्कर रोकने की एक गोली तक नहीं मिली।

अवनीश कुमार, स्टूडेंट जूनियर हाईस्कूल

- स्पोटर्स टूर्नामेंट में अव्यवस्थाएं भारी रहीं। इस कारण स्टूडेंट्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। खिलाडि़यों को खाना तक नहीं मिला।

हरीश बाबू, शिक्षक, जसौली प्राथमिक विद्यालय

- बेसिक शिक्षा विभाग को खिलाडि़यों के लिए खाने की व्यवस्था करनी चाहिए थी। बच्चों से भूखा प्यासा रखकर पूरा दिन गेम्स में पार्टिसिपेट कराना गलत है। बच्चे पूरा दिन खेलने के बाद देर रात घर पहुंचेंगे।

शशि देवी शर्मा, एडी बेसिक