कम मॉ‌र्क्स आने पर स्टूडेंट्स ने दाखिल किया था आरटीआई

<कम मॉ‌र्क्स आने पर स्टूडेंट्स ने दाखिल किया था आरटीआई

BAREILLY

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रिजल्ट में आए मा‌र्क्स से असंतुष्ट स्टूडेंट को आरयू ने आरटीआई के तहत आंसर शीट दिखाने से इनकार कर दिया। आरयू का तर्क है कि यूनिवर्सिटी के पास अब रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। जब स्टूडेंट ने रिकॉर्ड को एक साल तक हिफाजत से रखने का हवाला दिया तो अधिकारी ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि आरयू रिकॉर्ड सिर्फ छह महीने तक ही सुरक्षित रखता है। जबकि स्टूडेंट का कहना है कि उसने छह महीने के अंदर ही कॉपी देखने के लिए आरटीआई दाखिल की थी।

एमकॉम का दिया था एग्जाम

बीसीबी के रेगुलर स्टूडेंट्स फैज मोहम्मद ने ख्0क्भ् में एमकॉम फ‌र्स्ट ईयर का एग्जाम दिया। ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट में उसके ब्9 नंबर, स्टेटियल एनालिसिस में म्क् अंक, अकाउंटिंग में भ्भ् मा‌र्क्स, मार्केटिंग मैनेजमेंट में भ्म् अंक और इंडियन इकोनॉमिक्स में भ्म् नंबर मिले। जबकि फैज रिजल्ट में आए मा‌र्क्स से असंतुष्ट था। इसलिए उसने आरटीआई के तहत यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन से आंसर शीट दिखाने को कहा तो जनसूचना अधिकारी की ओर से जवाब मिला कि आंसर शीट का रिकॉर्ड अब यूनिवर्सिटी पास नहीं है।

स्टूडेंट को किया गुमराह

इसके बाद फैज मोहम्मद डायरेक्ट जन सूचना अधिकारी से मिले और एक साल तक रिकॉर्ड सुरक्षित रखने के नियम का हवाला दिया। तो जनसूचना अधिकारी ने कहा कि यूनिवर्सिटी सिर्फ छह माह तक रिकॉर्ड को सुरक्षित रखती है, तो स्टूडेंट ने उनसे कहा कि इस हिसाब से ख्फ् जून को रिजल्ट घोषित किया गया और ख्फ् दिसंबर को छह माह पूरे हो रहे हैं। इस हिसाब से भी आरयू को उसे आंसर शीट दिखानी चाहिए, लेकिन आरयू ने स्टूडेंट को गुमराह कर दिया गया।