-बरेली में यूपी बोर्ड की तीन सब्जेक्ट के पेपर हुए आउट

-मैथ्स और इंग्लिश का पेपर व्हाट्सएप पर हुआ वायरल

BAREILLY

यूपी बोर्ड एग्जाम में पहले होम साइंस, फिर मैथ्स और फिर इंग्लिश का पेपर आउट होने के मामलों में डीआईओएस की ढिलाही भारी पड़ गई। ढीला रवैया देखकर शिक्षा माफिया पेपर को लीक करने से बाज नहीं आए और एक के बाद एक पेपर आउट कराकर एग्जाम की सुचिता को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया। जबकि, इंटर मैथ्स के पेपर आउट होने पर डीआईओएस ने माना था कि पेपर का कोड प्रतापगढ़ से मैच कर रहा है। हैरत की बात वह आज तक कोड नहीं मंगा सके। इसके बाद इंग्लिश का भी पेपर व्हॉट्सएप पर वायरल हो गया।

हाईटेक हुए नकल माफिया

एग्जाम में नकल कराने के लिए शिक्षा माफिया हाईटेक बन गए। स्कूलों में सामूहिक नकल, सब्जेक्ट का इंविजिलेटर जैसे जुगाड़ के अलावा नकल के लिए व्हाट्सएप का भी जमकर इस्तेमाल किया। यही वजह रही कि इंटर मैथ्स व इंग्लिश का पेपर व्हाट्सएप पर वायरल हो गया। हालांकि, इसकी सूचना भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को लगी, लेकिन वह इस पर लगाम नहीं लगा सके। पहली बार जब मैथ्स का पेपर व्हाट्सएप पर आउट हुआ, तो पड़ताल में पता चला कि वह प्रतापगढ़ से आउट हुआ। डीआईओएस ने सीधे प्रतापगढ़ के डीआईओएस से संपर्क करने की बजाय बोर्ड को पत्र लिखकर पेपर का कोड मांगा। इस बीच दूसरी बार जब अंग्रेजी का पेपर आउट हुआ। इस बार जांच में पता चला कि पेपर मुरादाबाद से आउट हुआ। इस बार भी डीआईओएस ने जांच-पड़ताल के लिए लंबी दूरी का रास्ता अख्तियार किया।

गले फंसी लेटरबाजी

डीआईओएस ने प्रतापगढ़ व मुरादाबाद के डीआईओएस से सीधे संपर्क करने की बजाय लेटरबाजी का रास्ता अपनाया तो उनकी इस हरकत को समझने में उच्चाधिकारियों को भी देर नहीं लगी। लिहाजा, बोर्ड ने डीआईओएस को आदेश दिया वह पड़ताल करके बताएं कि पेपर उनके जिले में कहां से आया है। लेटरबाजी में बुरे फंसे डीआईओएस अब पेपर आउट की वजहों को तलाशने में खुद जुट गए हैं।