- 2012 से भी कम मत मिले सीटिंग एमएलए रहे प्रत्याशियों को

BAREILLY:

जिले की 9 विस सीट के नतीजे काफी चौंकाने वाले रहे, लेकिन चार सीट के नतीजे ऐसे हैं, जो सीटिंग विधायक रहे प्रत्याशियों के भविष्य के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। ये न सिर्फ चुनाव हारे हैं। बल्कि जनाधार भी खोया है। यही वजह रही विस चुनाव 12 में जितने वोट पाकर जीत हासिल किया था, वोट की इस धरोहर को संभाल कर नहीं रख सके। यही वजह रही कि बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा।

बीते 5 वर्षो में खोया जनता का विश्वास

बरेली जिले में 9 सीट पर इस बार बीजेपी की काबिज हुई हैं। सपा, बसपा खाता भी नहीं खोल सकी। मीरगंज, फरीदपुर, बिथरी चैनपुर और नवाबगंज के सीटिंग विधायक रहे प्रत्याशियों के लिए यह नतीजे भविष्य के लिए भी खतरा बन गई है। क्योंकि इन्होंने अपने जनाधार भी खोया है। सबसे बुरा हाल मंत्री और नवाबगंज के विधायक रहे भगवत सरन गंगवार का रहा। 2012 में 67,022 मत पाने वाले भगवत सरन गंगवार को इस बार 54,569 मत ही मिले। यह अपने पुराने 12,453 वोटर्स का दिल जीत पाने भी नाकाम रहे। यही हाल फरीदपुर के सपा विधायक रहे डॉ। सियाराम सागर का भी रहा। 2012 में 60,837 मत मिले थे लेकिन इस बार उन्हें मात्र 58,935 मत ही मिले। बिथरी के वीरेंद्र सिंह भी अपनी छवि पांच वर्षो में सुधार नहीं सके। इन्हें 53,286 मत मिले जबकि पिछली बार 55,972 मत मिले थे। मीरगंज के सुल्तान बेग ने भी 3,157 जनाधार गंवाया है।

अताउर्रहमान और शहजिल को मिला साथ

हालांकि भोजीपुरा और बहेड़ी के विधायक रहे अताउर्रहमान और भोजीपुरा के विधायक रहे शहजिल इस्लाम के साथ ऐसा नहीं है। येभले ही चुनाव हार गए हैं, लेकिन पब्लिक का दिल जीतने में कामयाब रहे हैं। समय के साथ ही इनके जनाधार भी बढ़ें हैं। 2012 में 48,172 मत पाने वाले अताउर्रहमान को इस बार 66,841 मत मिले। जबकि, पिछले चुनाव में 65,531 मत पाने वाले शहजिल इस्लाम को 72,617 मिले हैं।

चुनाव जीते लेकिन जीत का अंतर हुआ कम

कुछ ऐसा ही हाल आंवला के नवनिर्वाचित बीजेपी विधायक धर्मपाल सिंह का भी है। इन्होंने भले ही चुनाव में जीत का डंका बजा दिया है, लेकिन जीत का अंतर बढ़ा नहीं सके। 2012 में यह महिपाल को हराकर विधायक बने तो इस बार सिद्धराज सिंह को। महिपाल को इन्होंने 4,408 मतों से हराया था। उस समय उनके 50,782 मत मिले थे। जबकि, इस बार धर्मपाल सिंह सपा प्रत्याशी रहे सिद्धराज सिंह को मात्र 3,546 मतों से ही पराजित कर सके।